'शांतिपूर्ण हुए चुनाव, सुरक्षा की बाधा नहीं', सुप्रीम कोर्ट में फिर उठी जम्मू-कश्मीर का राज्य दर्जा बहाल करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट केंद्र सरकार को दो महीने के भीतर राज्य दर्जा बहाल करने का निर्देश जारी करे। साथ ही कहा कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो चुके हैं इसलिए सुरक्षा को लेकर भी कोई बाधा नहीं है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें दो महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर, 2023 को संविधान के अनुच्छेद-370 को खत्म करने के 2019 के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा था और राज्य में सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने एवं जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का आदेश दिया था।
'निर्वाचित सरकार की क्षमता में कमी आएगी'
नई याचिका शिक्षाविद जहूर अहमद भट और सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दाखिल की गई है। अधिवक्ता शोएब कुरैशी के जरिये दाखिल याचिका में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी से जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की क्षमता में गंभीर कमी आएगी।याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे संघवाद के विचार का गंभीर उल्लंघन होगा, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। साथ ही कहा कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो चुके हैं, इसलिए सुरक्षा को लेकर भी कोई बाधा नहीं है।