छापेमारी के विरोध में PFI समर्थकों का बवाल, बंद के दौरान कई वाहनों को किया क्षतिग्रस्त; पेट्रोल बम भी फेंका
गुरुवार को एनआईए और ईडी ने पीएफआई से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं आज केरल में बंद के आह्वान को देखते हुए सरकार ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है और अगर कोई कानून तोड़ता है और गड़बड़ी करता है तो सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 09:59 AM (IST)
नई दिल्ली / तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े लोगों पर NIA और ED ने गुरुवार को छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने टेरर फंडिंग मामले में पीएफआई के लोगों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार भी किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी की कार्रवाई के खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने शुक्रवार को 'केरल बंद' का आह्वान किया है। पीएफआई द्वारा बंद के आह्वान में केरल के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं हैं। तिरुवनंतपुरम में बंद का समर्थन कर रहे PFI के लोगों ने एक ऑटो-रिक्शा और एक कार को कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।
पीएफआई समर्थकों ने फेंका पेट्रोल बम
केरल के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोझीकोड, वायनाड और अलाप्पुझा सहित विभिन्न जिलों में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों (KSRTC) पर पथराव किया गया। स्थानीय मीडिया ने बताया कि सुबह कन्नूर के नारायणपारा में वितरण के लिए अखबार ले जा रहे एक वाहन पर पेट्रोल बम फेंका गया। अलाप्पुझा में केएसआरटीसी की बस, एक टैंकर लॉरी और कुछ अन्य वाहनों में पीएफआई समर्थकों द्वारा पथराव किया गया। कोझीकोड और कन्नूर में पीएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए पथराव में एक 15 वर्षीय लड़की और एक ऑटो-रिक्शा चालक को मामूली चोटें आईं हैं।
राज्य पुलिस ने सुरक्षी की कड़ी
इस बीच केरल पुलिस ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है और पीएफआई द्वारा राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद जिला पुलिस प्रमुखों को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।एक बयान में पीएफआई ने कहा कि हमार शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी नियंत्रित दमनकारी शासन द्वारा फैलाए गए आतंक का हिस्सा है। इसके साथ ही पीएफआई के राज्य सचिव ए अबूबक ने कहा कि हमारी हड़ताल नियंत्रित शासन के फासीवादी उपायों का विरोध करने के लिए है। हम सभी लोकतांत्रिक ताकतों से समर्थन की उम्मीद करते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर पीएफआई नेताओं ने कहा कि उनके कार्यालयों से जब्त किए गए कुछ जनसंपर्क दस्तावेजों को गुप्त दस्तावेज करार दिया गया है।