नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ इस महीने अपना पांचवां आरोप पत्र दाखिल किया। जिसमें NIA ने प्रतिबंधित संगठन के 12 राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्यों सहित 19 लोगों के खिलाफ कथित रूप से एक युद्ध छेड़ने की साजिश में शामिल होने के लिए आरोप दायर किया।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 19 Mar 2023 11:22 AM (IST)
नई दिल्ली। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ इस महीने अपने पांचवें आरोपपत्र में शनिवार को संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (NEC) के 12 सदस्यों सहित 19 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
बता दें कि NIA ने यह आरोप पत्र एक संगठन के रूप में कथित रूप से देश को अस्थिर करने के उद्देश्य से आपराधिक साजिश से जुड़े मामले में दायर किया है।
चार्जशीट में आरोपियों की संख्या हुई 105
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि शनिवार को दिल्ली मामले में चार्जशीट दाखिल करने के साथ, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) द्वारा देश भर में PFI मामलों में चार्जशीट किए गए आरोपियों की कुल संख्या अब 105 हो गई है।PFI का गठन 2006 में केरल के नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (National Development Front) और कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (Karnataka Forum for Dignity) के विलय के साथ हुआ था, जिसमें ओमा सलाम इसके अध्यक्ष, ई एम अब्दुल रहमान उपाध्यक्ष, वी पी नज़रुद्दीन राष्ट्रीय सचिव, अनीस अहमद एनईसी के राष्ट्रीय महासचिव बने थे।
चार्जशीट में है 19 लोग शामिल
प्रवक्ता ने कहा कि जिन 19 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है उसमें सलाम, रहिमन, नजरुद्दीन, अहमद, अफसर पाशा, ई अबुबकर, प्रोफेसर पी कोया और मोहम्मद अली जिन्ना शामिल हैं।अधिकारी ने कहा कि अब्दुल वाहिद सैत, ए एस इस्माइल, मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद बशीर, शफीर के पी, जसीर के पी, शाहिद नासिर, वसीम अहमद, मोहम्मद शाकिफ, मुहम्मद फारूक उर रहमान और यासर अराफात उर्फ यासिर हसन NEC में कुछ अन्य प्रमुख पद धारक थे जिनके नाम चार्जशीट में शामिल किए गए हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद देश भर में PFI कार्यालयों सहित 39 स्थानों पर कार्रवाई के बाद उन्हें पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था।
PFI रच रहा आपराधिक साजिश
प्रवक्ता ने कहा कि अप्रैल 2022 से जांच के तहत मामले में खुलासा हुआ था कि देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के लिए PFI द्वारा आपराधिक साजिश रची गई थी। यह भी पता चला है कि साजिश का अंतिम उद्देश्य भारत में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक शासन की मौजूदा व्यवस्था को उखाड़ फेंकना था और इसकी जगह एक इस्लामिक खिलाफत (Islamic Caliphate) स्थापित करना था।
NIA ने कहा कि उनकी जांच में वेतन के भुगतान की आड़ में PFI द्वारा देश भर में अपने आतंकी गुर्गों और हथियार प्रशिक्षकों को नकद और नियमित बैंक ट्रांसफर के माध्यम से पैसे देने का भी खुलासा हुआ है।
PFI प्रशिक्षकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी PFI प्रशिक्षकों को NIA या विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा दर्ज मामलों में गिरफ्तार किया गया है। NIA ने PFI संगठन के 37 बैंक खातों के साथ-साथ PFI से जुड़े 19 व्यक्तियों के 40 बैंक खातों पर भी रोक लगा दी है, जिससे संगठन की फंडिंग गतिविधियों पर असर पड़ा है।
अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी (असम), सुंदीपुर (पश्चिम बंगाल), इंफाल (मणिपुर), कोझिकोड (केरल), चेन्नई (तमिलनाडु), नई दिल्ली, जयपुर (राजस्थान), बेंगलुरु (कर्नाटक), हैदराबाद (तेलंगाना) और कुरनूल (आंध्र प्रदेश) सहित पूरे देश में इन बैंक खातों पर कार्रवाई की गई है।
PFI कर रहा सामाजिक राजनीतिक आंदोलन के तहत काम
प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि PFI, एक जन संगठन (mass organisation) और एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन (socio-political movement) के निर्माण की आड़ में काम कर रहा था।
प्रवक्ता ने कहा कि इन कट्टरपंथी लोगों को एक प्रशिक्षित PFI सेना/मिलिशिया (PFI Army/militia) बनाने के इरादे से देश भर में PFI द्वारा आयोजित किए जा रहे विभिन्न हथियार प्रशिक्षण शिविरों में हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।NIA ने कहा कि जांच ने PFI के एक विशेष समुदाय से जुड़े संगठनों के नेताओं के विवरण एकत्र करने के तंत्र को भी उजागर किया है।
2006 के हिंसक हमलों में PFI रहा है शामिल
एजेंसी ने कहा कि 2006 में संगठन के गठन के बाद से PFI कैडर देश में हत्याओं और हिंसक हमलों में शामिल रहे हैं, जिनमें धार्मिक विचारों और धार्मिक विश्वासों पर PFI के साथ विचरण करने वाले संगठनों के नेता भी शामिल हैं।प्रवक्ता ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि PFI केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों से धन जुटा रहा था।
PFI पदाधिकारी युवाओं को भर्ती करने में शामिल
अधिकारी ने कहा कि PFI के पदाधिकारी, नेता, कैडर और सदस्य भी इस्लामिक स्टेट जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उनकी भर्ती करने में शामिल हैं।एनआईए ने फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (Uttar Pradesh Anti Terrorism Squad) द्वारा दो युवकों की गिरफ्तारी के मद्देनजर विश्वसनीय इनपुट के आधार पर मामला दर्ज किया था।
प्रवक्ता ने कहा कि अंशद बदरुद्दीन और फिरोज खान को बसंत पंचमी के अवसर पर बम विस्फोट करने की साजिश रचने के दौरान गिरफ्तार किया गया था, जिसका उद्देश्य एक विशेष धार्मिक समुदाय और बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक फैलाना था।