खाड़ी देशों में फैला है PFI की फंडिंग का नेटवर्क; रेमीटेंस के रूप में आता है फंड, फिर कैश खाते में होता है जमा
एजेंसियों के रडार से बचने के लिए पीएफआइ ने कई तरीके अपना रखे हैं। पीएफआइ खाड़ी के देशों से जमा फंड को सीधे खाते में बजाय इसे वहां काम करने वालों की ओर रेमिटेंस के रूप में भारत मगांता है।
By JagranEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Fri, 23 Sep 2022 08:12 PM (IST)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भारत में आतंकी और हिंसक गतिविधियों के लिए जांच एजेंसियों का सामना कर रहे पीएफआइ ने खाड़ी देशों में फंड जुटाने का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा है। एजेंसियों के रडार से बचने के लिए पीएफआइ खाड़ी के देशों से जमा फंड को सीधे खाते में बजाय पीएफआइ इसे वहां काम करने वालों की ओर रेमिटेंस के रूप में भारत मगांता है और उसके बाद अपने खाते में डोनेशन के रूप में दिखाता है। लेकिन पीएफआइ के गिरफ्तार पदाधिकारियों और छापे में मिले दस्तावेजों से उसकी कलई खुल गई है।
फंड जुटाने के लिए जिला स्तरीय कमेटियां
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पीएफआइ ने खाड़ी के देशों में फंड जुटाने के लिए जिला स्तरीय कमेटियां बना रखी है। ये कमेटियां वहां रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ अन्य स्त्रोतों से फंड एकट्ठा करने का काम करती हैं। इसके बाद इस फंड को या तो रेमीटेंस या फिर हवाला के रूप में भारत भेजा जाता है।
सीधे पीएफआइ के खाते में जमा कराई जाती है रकम
पीएफआइ खाड़ी में काम करने वाले अपने समर्थक भारतीयों के माध्यम से उनके परिवार के सदस्यों के खाते में या फिर खुद उसके भारत में स्थित एनआइई खाते (नान रेजिडेंट एक्सटर्नल एकाउंट) में फंड ट्रांसफर करवाता है। बाद में उस फंड को कैश में या फिर सीधे पीएफआइ के खाते में जमा करा दिया जाता है। पीएफआइ इसे भारत में आम लोगों से मिले डोनेशन के रूप में दिखाता है।