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PFI Conspiracy: पीएफआई ने रची थी जजों, पुलिस अधिकारियों और यहूदियों को निशाना बनाने की साजिश

केंद्र और राज्यों के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) ने कथित रूप से हाई कोर्ट के जजों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों अहमदिया मुसलमानों और तमिलनाडु आने वाले विदेशियों खासकर यहूदियों को निशाना बनाने की साजिश रची थी।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 30 Sep 2022 04:30 AM (IST)
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अहमदिया मुस्लिमों पर भी था पीएफआई का निशाना
नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्र और राज्यों के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) ने कथित रूप से हाई कोर्ट के जजों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, अहमदिया मुसलमानों और तमिलनाडु आने वाले विदेशियों खासकर यहूदियों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। उन्होंने बताया कि छापों के दौरान मिले दस्तावेज में पीएफआई के 2047 तक के रोडमैप के बारे में भी पता चलता है।

बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था पीएफआई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की जांच के मुताबिक, दक्षिणी राज्यों से 15 युवाओं और उनके सहयोगियों के एक माड्यूल ने उक्त लोगों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। इसमें ज्यादातर पीएफआई के सदस्य या ऐसे लोग हैं जो आइएस से प्रभावित हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस माड्यूल ने महत्वपूर्ण व्यक्तियों और सार्वजनिक महत्व के स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक और अन्य विनाशकारी सामग्री एकत्र कर ली थी। अधिकारियों ने दावा किया कि इस माड्यूल ने तमिलनाडु में एक छोटे से पर्वतीय स्थल वट्टक्कनल आने वाले विदेशियों खासकर यहूदियों पर हमला करने की योजना भी बनाई थी। वट्टक्कनल तमिलनाडु के डिडीगुल जिले में एक छोटा पर्वतीय क्षेत्र है, जहां हर साल सैकड़ों इजराइली युवा अनिवार्य सैन्य सेवा के बाद छुट्टियां मनाने आते हैं।

मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का माड्यूल

अधिकारियों के मुताबिक, माड्यूल 'अंसार-उल-खिलाफा केरल' आइएस में भर्ती करने के लिए मुस्लिम युवाओं को प्रोत्साहित करने और कट्टरपंथी बनाने के गुप्त अभियान में शामिल था। इससे जुड़े लोगों ने आइएस की विचारधारा के प्रचार के लिए विभिन्न इंटरनेट आधारित मंचों का इस्तेमाल किया। जांचकर्ताओं द्वारा सक्रिय निगरानी के दौरान मंसीद, स्वालित मोहम्मद, राशिद अली सफवान और जसीम एनके नामक पांच संदिग्धों का पता लगाया था। उन्हें दो अक्टूबर, 2016 को केरल के कन्नूर जिले से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वे कथित रूप से सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के लिए बैठक कर रहे थे। बाद में आरोपितों के आवास पर छापा मारा गया और वहां से डिजिटल उपकरणों एवं दस्तावेजों सहित अन्य सामग्री जब्त की गईं।

सोशल मीडिया के जरिए किया देश विरोधी तत्वों से संवाद

आरोपितों को हिरासत में लेकर की गई पूछताछ से पता चला कि उन्होंने भारत के भीतर और बाहर अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर फेसबुक एवं टेलीग्राम आदि जैसे इंटरनेट मीडिया मंचों के जरिये सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए संवाद किया था। एक आरोपित स्वालित मोहम्मद ने बताया कि उनकी गतिविधियों के उन्हें संयुक्त अरब अमीरात में अपने सहयोगियों से धन मिलता था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपितों ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सदस्यों की भर्ती की और उन्होंने 'द गेट', 'बाब अल नूर', 'प्ले ग्राउंड' जैसे विभिन्न टेलीग्राम समूह बनाए थे।

पीएफआई का ट्विटर हैंडल बंद

इस बीच, कर्नाटक और असम समेत विभिन्न राज्यों ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यालयों को सील करना और उसके खातों को सीज करना शुरू कर दिया है। ट्विटर ने भी पीएफआई के हैंडल को बंद कर दिया है। ट्विटर ने कहा कि कानूनी तौर पर इस संबंध में अनुरोध किया गया था। केंद्र की ओर से प्रतिबंध की अधिसूचना जारी होने के बाद तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र जैसी कई राज्य सरकारों ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए हैं और जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों को उनके विरुद्ध कार्रवाई के अधिकार दे दिए हैं।

पेट्रोल बम से हमला करने की चेतावनी

तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि उसे एक धमकी भरा पत्र मिला है जिसमें पोलाची कस्बे में 16 स्थानों पर पेट्रोल बम फेंकने की चेतावनी दी गई है। इसे पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआइ के नाम पर जारी किया गया है। महाराष्ट्र के आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में हालिया अभियान के दौरान पीएफआई से जुड़ाव के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से अहम दस्तावेज बरामद हुए थे और इनमें से एक में संगठन के 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के रोडमैप का उल्लेख था। इन दस्तावेज के मुताबिक, संगठन के सदस्य अपने एजेंडे के तहत निशाना बनाकर हत्याएं करने और आरएसएस समेत देश के बड़े नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। एटीएस ने आरोपितों के पास से कुछ गैजेट्स भी बरामद किए हैं और उनसे डाटा वापस निकालने की प्रक्रिया जारी है।

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