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'भारत में इस्लामी निजाम लाने की कोशिश कर रहा PFI,' ED ने कहा- जल्द छिड़ेगा गृह युद्ध; करोड़ों की संपत्ति भी की जब्त

ईडी का कहना है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) भारत में जिहाद के जरिये इस्लामी निजाम लाने की दिशा में काम कर रहा था। भारत में गृह युद्ध छेड़ने के लिए विभिन्न तरीकों से बर्बरता और दमन के अलावा अचानक व निरंतर भड़काऊ गोरिल्ला नाटक व सभाएं और गैर हिंसक तरीकों से अस्थिरता और विद्रोह के अनदेखे हवाई हमलों की साजिश रची गई है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 18 Oct 2024 10:34 PM (IST)
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ED ने PFI पर लगाया बड़ा आरोप (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, पीटीआई : ईडी का कहना है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) भारत में जिहाद के जरिये इस्लामी निजाम लाने की दिशा में काम कर रहा था। भारत में गृह युद्ध छेड़ने के लिए विभिन्न तरीकों से बर्बरता और दमन के अलावा अचानक व निरंतर भड़काऊ गोरिल्ला नाटक व सभाएं और गैर हिंसक तरीकों से अस्थिरता और विद्रोह के अनदेखे हवाई हमलों की साजिश रची गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान जारी कर बताया कि उसने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की 35 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जब्त की है। यह संपत्तियां विभिन्न कंपनियों, ट्रस्टों और व्यक्तियों के नाम पर पीएफआई से ही संचालित और नियंत्रित थीं।

पीएफआई के दफ्तरों में छापेमारी

सितंबर, 2022 में एनआइए और विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के देश भर में पीएफआई के दफ्तरों में छापेमारी करने के बाद केंद्र सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। ईडी का आरोप है कि ईडी का आरोप है कि पीएफआई देश के अहम व संवेदनशील ठिकानों पर विस्फोटकों से हमले करना चाहता है। वह देश की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ा खतरा है।2006 में केरल में स्थापित, पर दिल्ली में मुख्यालय वाले पीएफआइ ने जो संविधान में अपना मकसद बताया है कि वह असलियत में बिलकुल अलग है।

 क्या है PFI का असल मकसद?

पीएफआई का असल मकसद जिहाद है और वह भारत में इस्लामी सत्ता स्थापित करने के लिए एक सामाजिक आंदोलन का रूप देकर काम कर रहा है। पीएफआइ का दावा है कि वह प्रदर्शन के गैर¨हसक तरीके अपनाता है, लेकिन असल में उनके अपनाए तरीके हिंसक प्रकृति के हैं। इनके कुछ तरीके तो गृह युद्ध की तैयारी के लिए अपनाए जाते हैं। यह समाज में अस्थिरता और कलह का माहौल बनाते हैं। इसके लिए यह अचानक सड़कों को बंधक बनाकर सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर नाटक करते हैं।

वैकल्पिक संचार प्रणालियों को स्थापित किया जाता है जो उनके विद्रोही विचारों का निरंतर प्रचार-प्रसार करती हैं। इनका मुख्यधारा की मीडिया से कोई लेना-देना नहीं होता। ईडी ने आरोप लगाया है कि पीएफआइ ने बर्बरता और दमन के कुछ तरीके निकाले हैं। यह अधिकारियों को डराते-धमकाते हैं। अवैध संबंधों और संपर्कों को दबाव का जरिया बनाते हैं, नकली शवयात्रा, प्रतिबंध लगाने के सख्त आदेश देते हैं।

ईडी ने लगाया बड़ा आरोप

यह संगठन राजनीति से प्रेरित जालसाजी से लेकर वैश्विक बाजार में रणनीतिक वस्तुओं की खरीद करता है। गैर हिंसक तरीके से जमीनों पर कब्जा, संपत्तियों की घेराबंदी और विरोधियों पर दबाव बनाने के लिए बाजारी दर से कम कीमत पर किसी वस्तु की बिक्री आदि करके किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाते हैं। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि पीएफआइ शारीरिक शिक्षा के नाम पर हथियार चलाने का भी प्रशिक्षण देता है। विभिन्न तरीकों से प्रहार करना, मुक्के मारना, चाकूबाजी, लट्ठबाजी और तलवारबाजी सिखाई जाती है।