Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

चीन के नये नक्शे के विरोध में जुटने लगे कई देश, भारत के बाद फिलीपींस और मलेशिया ने ड्रैगन को दिखाया आइना

एशिया में चीन के आक्रामक व विस्तारवादी रवैये के खिलाफ एक बार फिर भारत सबसे पहले आवाज उठाने वाला देश बन गया है। भारत के बाद अब मलयेशिया ताइवान और फिलीफींस ने भी चीन के नये मानचित्र को खारिज कर दिया है। मलेशिया ने एक दिन पहले ही इसी तरह का बयान जारी किया था और चीन को विस्तारवादी व आक्रामक बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 10:48 PM (IST)
Hero Image
भारत के बाद फिलीपींस और मलेशिया ने दिखाया चीन का आइना। फाइल फोटो।

 नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। एशिया में चीन के आक्रामक व विस्तारवादी रवैये के खिलाफ एक बार फिर भारत सबसे पहले आवाज उठाने वाला देश बन गया है। चीन सरकार ने पिछले सोमवार (28 अगस्त, 2023) को अपने देश का नया नक्शा (स्टैंडर्ड मैप) जारी किया है, जिसमें अरूणाचल प्रदेश और अक्साई चीन के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित मलयेशिया, फिलीपींस, ताइवान जैसे देशों के कई भौगोलिक हिस्से को अपने क्षेत्र में दिखाया है।

भारत ने जताया था कड़ा विरोध

भारत ने इस मानचित्र को आधारहीन बताते हुए मंगलवार को ही सबसे पहला विरोध दर्ज कराया था। भारत के बाद अब मलयेशिया, ताइवान और फिलीफींस ने भी चीन के नये मानचित्र को खारिज कर दिया है। एक-दो दिनों में कुछ और देशों की तरफ से भी इसका विरोध किये जाने की सूचना है। इसके पहले वर्ष 2016-17 में भारत ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव (बीआआइ- कई देशों को सड़क, रेल व समुद्र मार्ग से जोड़ने की योजना) का सबसे पहला विरोध किया था।

कई देश करते हैं चीन का विरोध

भारत के बाद अब अमेरिका, यूरोप, जापान, आस्ट्रेलिया समेत कई देश चीन की इस योजना का ठीक उसी आधार पर विरोध करते हैं जिस आधार पर भारत करता है। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (31 अगस्त, 2023) को एक विस्तृत बयान जारी कर कहा है कि चीन की तरफ से फिलीपींस के ऊपर चीन की अपनी संप्रभुता व कानून लागू करने की ताजी कोशिश का कोई कानूनी आधार नहीं है।

फिलीपींस ने चीन को दिलाया UN का आदेश

फिलीपींस ने चीन को याद दिलाया है कि उसे इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के संबंधित आदेश (वर्ष 2016) का पालन करना चाहिए और उत्तरदायित्व से काम लेना चाहिए। दरअसल, पहले ही समुद्री मामले में संयुक्त राष्ट्र के तहत हुए समझौते (यूएनक्लोज) के तहत पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीतियों को खारिज किया जा चुका है। चीन इस बारे में आदेश का पालन नहीं करता है।

मलेशिया ने और ताइवान ने क्या कहा?

मलेशिया ने एक दिन पहले ही इसी तरह का बयान जारी किया था और चीन को विस्तारवादी व आक्रामक बताया है। जबकि ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि चीन उसके क्षेत्र को अपना हिस्सा बता रहा है और चीन पर ताइवान की संप्रभुता के खिलाफ साजिश रचने की बात भी कही गई है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने 29 अप्रैल को चीन के नक्शे पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए एक बयान जारी किया था। इसमें प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था

हमने भारत के हिस्से पर दावा करने वाले चीन के तथाकथित स्टैंडर्ड मानचित्र को देखा है और इस पर कूटनीतिक तरीके से कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। हम इस तरह के आधारहीन दावों को एक सिरे से खारिज करते हैं। चीन की तरफ से इस तरह का रवैये सीमा विवाद को सुलझाने को और उलझा देगा।

बाद में इस प्रतिक्रिया को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि संबंधित देश चीन सरकार की सामान्य प्रक्रिया को जरूरत से ज्यादा मतलब निकाल रहे हैं।