सावधान: प्रजनन क्षमता पर असर डाल रहे प्लास्टिक में मौजूद थैलेट्स, बेहद गंभीर हो सकते हैं परिणाम
एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि थैलेट्स अंडे की कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बेहद महीन बाल रूपी हिस्सों (स्ट्रैंड्स) में टूट-फूट होती है। विज्ञानियों ने पाया है कि गोलकृमि स्तनधारियों की तरह ही प्लास्टिक के इस घटक (थैलेट) का चयापचय करते हैं और ये भी मनुष्यों की तरह समान प्लास्टिक स्तर पर प्रभावित होते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्लास्टिक में इस्तेमाल किए जाने वाले थैलेट्स प्रजनन क्षमता पर असर डालते हैं। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि थैलेट्स अंडे की कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बेहद महीन बाल रूपी हिस्सों (स्ट्रैंड्स) में टूट-फूट होती है।
अंडाणु की कोशिकाओं की गुणवत्ता खराब हो जाती है
परिणामस्वरूप गुणसूत्रों की संख्या बदल जाती है और अंडाणु की कोशिकाओं की गुणवत्ता खराब हो जाती है। यह चौंकाने वाली जानकारी अमेरिका स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ता द्वारा गोलकृमि पर किए गए एक अध्ययन में सामने आई है। इसकी वजह है कि कृमि की प्रजातियां लोगों में थैलेट के असर का अध्ययन करने के लिए एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत करती हैं। विज्ञानियों ने पाया है कि गोलकृमि स्तनधारियों की तरह ही प्लास्टिक के इस घटक (थैलेट) का चयापचय करते हैं और ये भी मनुष्यों की तरह समान प्लास्टिक स्तर पर प्रभावित होते हैं।
जननांगों में माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने के मामले बढ़े
अध्ययन बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में इंसानी वीर्य और जननांगों में माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने के मामले बढ़े हैं। पिछले अध्ययनों से पता चला है कि थैलेट्स हार्मोन में असर डाल सकते हैं और मानव प्रजनन को प्रभावित कर सकते हैं। मनुष्यों में पाए गए स्तरों के समान, फेथलेट को सेक्स कोशिकाओं में नए कॉपी किए गए गुणसूत्रों के वितरण में हस्तक्षेप करते हुए पाया गया।थैलेट ने ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा किया पैदा किया
अध्ययन के नतीजे पीएलओएस जेनेटिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं, जो सामान्य प्लास्टिक में शामिल चीजों की जहरीली प्रकृति और जानवरों के प्रजनन को होने वाले नुकसान पर प्रकाश डालते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार थैलेट ने ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा किया और डीएनए स्ट्रैंड को तोड़ दिया, जिसके परिणामस्वरूप कोशिका की मृत्यु हो गई और अंडे की कोशिकाओं में गुणसूत्रों की गलत संख्या हो गई। शोधकर्ताओं ने बताया कि फेथलेट ने ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा किया और डीएनए स्ट्रैंड को तोड़ दिया, जिसके परिणामस्वरूप कोशिका मृत्यु हो गई और अंडे की कोशिकाओं में गुणसूत्रों की गलत संख्या हो गई।
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 'नेमाटोड कैनोर्हेबडाइटिस एलिगेंस' प्रजाति (राउंडवॉर्म) पर फेथलेट रसायन की कई खुराक का परीक्षण किया और अंडे की कोशिकाओं महिला प्रजातियों की सेक्स कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तनों की तलाश की। मनुष्यों में पाए गए स्तरों के समान, फेथलेट को सेक्स कोशिकाओं में नए कॉपी किए गए गुणसूत्रों के वितरण में हस्तक्षेप करते हुए पाया गया।
क्या होता है थैलेट
बता दें कि बेंजिल ब्यूटाइल थैलेट (बीबीपी) एक रसायन है, जिसे थैलेट भी कहते है, प्लास्टिक को ज्यादा लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह आम उपभोक्ता वस्तुओं, जैसे खाद्य पैकेजिंग, स्वच्छता उत्पादों और बच्चों के खिलौनों में पाया जाता है।