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PIB एफसीयू ने फर्जी खबरों के 1,276 मामलों का लगाया पता, 2021 से 635 यूआरएल ब्लाक; अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2019 में एफसीयू ने फर्जी खबरों के 19 मामलों का भंडाफोड़ किया। इसके बाद 2020 में 394 2021 में 285 2022 में 338 और 17 जुलाई 2023 तक 240 फर्जी खबरों का पता लगाया गया। अनुराग ने कहा कि 2021 से 635 यूआरएल को ब्लाक करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 27 Jul 2023 11:25 PM (IST)
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सरकार ने देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ फर्जी समाचार प्रसारित करने के कारण कार्रवाई की है।
नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआइबी) की तथ्य जांच इकाई (एफसीयू) ने फर्जी खबरों के 1,276 मामलों का पता लगाया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2019 में एफसीयू ने फर्जी खबरों के 19 मामलों का भंडाफोड़ किया। इसके बाद 2020 में 394, 2021 में 285, 2022 में 338 और 17 जुलाई 2023 तक 240 फर्जी खबरों का पता लगाया गया। अन्य प्रश्न के उत्तर में अनुराग ने कहा कि दिसंबर 2021 से 120 यूट्यूब- समाचार चैनलों सहित 635 यूआरएल को ब्लाक करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

फर्जी समाचार और कंटेंट प्रसारित करने के कारण कार्रवाई

सरकार ने देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ फर्जी समाचार और कंटेंट प्रसारित करने के कारण यह कार्रवाई की है। अन्य प्रश्न के उत्तर में अनुराग ने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रसरित करने से बचने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और इंटरनेट मीडिया को 13 जून 2022, 03 अक्टूबर 2022 और छह अप्रैल 2023 को एडवाइजरी जारी की थी।

जब भी इस संबंध में कोई उल्लंघन की जानकारी मंत्रालय के संज्ञान में आता है तो सरकार उचित कार्रवाई करती है। अनुराग ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी पहलों और अभियानों का प्रचार प्रसार करने के लिए चार मार्केटिंग एजेंसियों को सूचीबद्ध किया है। केंद्र सरकार के नागरिक सहभागिता मंच माइगोव के माध्यम से इन कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया।

सरकार ने 2018-19 से प्रचार पर 3,100 करोड़ रुपये से अधिक किए खर्चएक अन्य प्रश्न के उत्तर में अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 2018-19 से प्रचार पर कुल 3,100.42 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 2022-23 में केंद्रीय संचार ब्यूरो के माध्यम से योजनाओं के प्रचार पर 408.46 करोड़ रुपये खर्च किए गए। सरकार ने प्रचार पर 2018-19 में 1,179.17 करोड़ रुपये और 2019-20 में 708.18 करोड़ रुपये खर्च किए।

2020-21 में प्रचार पर सरकार का खर्च 409.47 करोड़ रुपये था, इसके बाद 2021-22 में 315.98 करोड़ रुपये हुआ। 2023-24 में प्रचार पर खर्च 13 जुलाई 2023 तक 43.16 करोड़ रुपये रहा है। रिकार्ड, स्मृति पर आधारित है सेंगोल के इतिहास पर बनी डाक्यूमेंट्री केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि सेंगोल के इतिहास पर बनी डाक्यूमेंट्री सरकारी रिकार्ड, स्मृति और समसामयिक मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है। इस डाक्यूमेंट्री का निर्माण इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) द्वारा किया गया था।