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Pinaka Mark-1: सेना के राकेट सिस्टम पिनाका मार्क-1 का और ज्यादा मारक क्षमता के साथ हुआ सफल परीक्षण, रेंज जान आप भी रह जाएंगे हैरान

तीन दिनों तक चले परीक्षण के दौरान 18 उन्नत रेंज के राकेटों को चार अलग-अलग रेंज में दागा गया। आयुध निर्माणी भारतीय सेना के उपयोग में आने वाले आधुनिक मिसाइल राकेट बंदूक और टैंक के लिए गोला-बारूद का निर्माण करती है।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 10:35 PM (IST)
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कार्ट्रिज लोडेड तकनीक का उपयोग करते हुए, पिनाका की मारक क्षमता 38 से बढ़ाकर 45 किमी कर दी है।
इटारसी जेएनएन। भारतीय सेना के अत्याधुनिक शस्त्र पिनाका मार्क-1 राकेट प्रणाली को आयुध निर्माणी इटारसी (ओएफआइ) ने नई ताकत प्रदान की है। इस प्रोजेक्ट पर लगातार अनुसंधान करते हुए निर्माणी ने केस बांडेड तकनीक का उपयोग करते हुए पिनाका की मारक क्षमता 38 से बढ़ाकर 45 किमी कर दी है। साथ ही राकेट के लिए बारूद तैयार करने की अवधि 60 से घटाकर 35 दिन की है। पिछले दिनों ओएफआइ ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (पीएफएफआर) में इसका सफल परीक्षण किया गया है।

तीन दिनों तक चले परीक्षण के दौरान 18 उन्नत रेंज के राकेटों को चार अलग-अलग रेंज में दागा गया। आयुध निर्माणी भारतीय सेना के उपयोग में आने वाले आधुनिक मिसाइल, राकेट, बंदूक और टैंक के लिए गोला-बारूद का निर्माण करती है। वर्तमान में पिनाका मार्क-1 राकेट का निर्माण कार्ट्रिज लोडेड तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है। निर्माणी के प्रवक्ता गिरीश कुमार पाल ने बताया कि भारतीय सेना की योजना पिनाका मार्क-1 को उन्नत संस्करण से बदलने की है, इससे भारतीय सेना की सामरिक ताकत को नई ऊंचाई मिलेगी।

भारतीय सेना की सामरिक ताकत को मिली नई क्षमता

पिनाका एक अपग्रेटेड राकेट प्रणाली है, जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है। पिनाका एमके-आई राकेट प्रणाली की मारक क्षमता 45 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका-II राकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है।

इस राकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है। पिनाका से नजदीक दुश्मन टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है। इससे छोटी रेंज की इन्फैंट्री, आर्टिलरी और हथियार युक्त वाहनों को निशाना बनाया जाता है। डीआरडीओ ने 1980 के दशक में पिनाका राकेट सिस्टम को विकसित करना शुरू किया था। इसके बाद 1990 के आखिर में पिनाका के सफल परीक्षण ने भारतीय सेना को बड़ी मजबूती प्रदान की।