प्रभु की बिछाई पटरी पर ही चलेगी पीयूष की रेल!
कैबिनेट मंत्री के रूप में गोयल के पास रेलवे के अलावा कोयला मंत्रालय का दायित्व भी रहेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नए रेलमंत्री पीयूष गोयल संभवत: सुरेश प्रभु की बिछाई पटरी पर ही रेल चलाएंगे। सोमवार को रेल भवन में कार्यभार ग्रहण करते हुए उन्होंने प्रभु की तारीफों के पुल बांधे और कहा कि प्रभु ने रेलवे में जो किया है उसके लिए यह देश और रेलवे सदैव कृतज्ञ रहेंगे।
इस अवसर पर स्वयं सुरेश प्रभु के अलावा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और राजेन गोहाई मौजूद थे। प्रभु ने गोयल को छोटा भाई तथा हमेशा अच्छा काम करने वाला बताते हुए उनसे रेलवे में भी अच्छे काम की उम्मीद जताई।
पीयूष गोयल ने कहा, 'मेरे लिए यह भावनात्मक दिन है। क्योंकि प्रभु जी मेरे मार्ग दर्शक होने के साथ हमेशा मुझे संभालते रहे हैं। वाजपेयी जी की सरकार में वो मेरे पिता जी के साथ काम करते थे। वह अत्यंत सक्षम व्यक्ति हैं। मैंने विद्युत और नदी जोड़ो परियोजनाओं में उनके साथ काम किया। वे दो वर्ष मेरे लिए अद्भुत थे। इस दौरान मैंने उनमें न खुद सोना और न सोने देने का जज्बा देखा। पीएम मोदी ने जैसा चाहा उसी तेजी से काम को गति दी। मुझे बिजली के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था। लेकिन एडवाइजरी बोर्ड में रहने के दौरान प्रभु जी ने सब सिखा दिया।'
प्रभु की प्रशंसा में गोयल ने आगे कहा, 'सत्तर वर्षो बाद प्रभु जी ने रेलवे में निवेश और सुरक्षा का जैसा रोडमैप तैयार कर दिया है, उसके लिए रेल मंत्रालय और यह देश सदैव उनका कृतज्ञ रहेगा। मैं उनका धन्यवाद करता हूं। आशा करता हूं कि उनका आशीर्वाद मिलता रहेगा और वे मुझे संभालते रहेंगे।'
कैबिनेट मंत्री के रूप में गोयल के पास रेलवे के अलावा कोयला मंत्रालय का दायित्व भी रहेगा। इससे पहले कोयला, ऊर्जा और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में उन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी। उनके कार्यकाल में भारत पहली बार बिजली और कोयला उत्पादन के मामले में सरप्लस स्थिति में पहुंचा।
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