E Commerce Export: ई-कॉमर्स निर्यातकों को भी मिलेगा रोडटेप स्कीम का फायदा, लागत में आएगी कमी
ई-कॉमर्स निर्यातकों को अब सामान्य निर्यातकों की तरह रेमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (रोडटेप) स्कीम का लाभ मिलेगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि रोडटेप स्कीम के इस विस्तार से डाक विभाग और कूरियर के माध्यम से निर्यात करने वाले एमएसएमई व छोटे-छोटे निर्यातकों को इसका फायदा मिलेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ई-कॉमर्स निर्यातकों को अब सामान्य निर्यातकों की तरह रेमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (रोडटेप) स्कीम का लाभ मिलेगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि रोडटेप स्कीम के इस विस्तार से डाक विभाग और कूरियर के माध्यम से निर्यात करने वाले एमएसएमई व छोटे-छोटे निर्यातकों को इसका फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इन छोटे निर्यातकों की लागत में कमी आएगी और उन्हें निर्यातक बनने का मौका मिलेगा और देश का निर्यात भी बढ़ेगा। अभी रोडटेप स्कीम का लाभ सिर्फ सामान्य निर्यातकों को मिलता है। जल्द ही वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ई-कॉमर्स निर्यात के लिए रोडटेप स्कीम को अधिसूचित कर देगा। अभी ई-कॉमर्स निर्यात की सीमा पांच लाख रुपए तक की है जिसे बढ़ा कर 10 लाख किया जा रहा है।
माल भेजने के लिए 1000 डाक निर्यात केंद्र खोले गए
माल भेजने के लिए 1000 डाक निर्यात केंद्र खोले गए हैं। गोयल ने एमएसएमई की सुविधा के लिए ई-कॉमर्स निर्यात पर हैंडबुक भी जारी किया। इस हैंडबुक की मदद से एमएसएमई या छोटा कारोबारी निर्यातक बनने की प्रक्रिया जान सकेगा। ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात करने के लिए मुख्य रूप से पैन नंबर, बैंक खाता व अथॉराइज्ड डीलर (एडी) कोड, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड (आईईसी) व जीएसटीआइएन होना जरूरी है।ताकि छोटे उद्यमियों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो
ई-कामर्स निर्यात बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय बड़े-बडे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ समझौता कर रहा है ताकि इन छोटे उद्यमियों को निर्यात के लिए आसानी से बाजार उपलब्ध हो सके। कुछ दिन पहले इस सिलसिले में अमेजन से समझौता किया गया था। गुरुवार को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म शिपराकेट के साथ समझौता किया गया।
गारमेंट्स जैसे सेक्टर में ई-कॉमर्स निर्यात बढ़ने की संभावना
गोयल ने कहा कि टेक्सटाइल, गारमेंट्स, लेदर, जेम्स-ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट्स जैसे सेक्टर में ई-कॉमर्स निर्यात की बड़ी संभावना है और अब बीटूसी (बिजनेस टू कंज्यूमर) निर्यात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार इसमें मदद के लिए एक इकोसिस्टम तैयार कर रही है।