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Zero Gravity Places: दुनिया की ऐसी जगहें जहां ग्रेविटी नहीं करती काम, कैसे टिकी हैं ये चीजें आपको होगा आश्चर्य

दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता हो। लेकिन अगर गुरुत्वाकर्षण अचानक से काम करना बंद कर दे तो हम सबका क्या होगा? आज हम दुनिया की ऐसी जगहों के बारे में बात करेंगे जहां गुरुत्वाकर्षण शून्य है या वहां गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता है। आइए आज जानते हैं दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारे में...

By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 14 Jun 2023 01:50 PM (IST)
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दुनिया की ऐसी जगहें जहां ग्रेविटी नहीं करती काम (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हम सभी महान वैज्ञानिक न्‍यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) की खोज को जानते हैं। पेड़ से एक सेब नीचे गिरने के बाद न्यूटन ने सोचा था कि कौन सा बल किसी वस्तु को पृथ्वी की ओर खींच सकता है। यहीं से उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की।

दुनियाभर में जितनी भी चीजें हैं या कहें कि हर एक चीज गुरुत्‍वाकर्षण बल यानी कि Gravitational Force की वजह से पृथ्वी की सतह से जुड़ी हुई है। इसी गुरुत्‍वाकर्षण बल के कारण हम धरती पर चल पाते हैं। हम जो भी चीज आसमान में ऊपर की तरफ उछालते हैं वह इसी बल के कारण नीचे की ओर बार-बार लौटती है। गुरुत्वाकर्षण बल ही सौर्य मंडल में सूर्य और अन्य ग्रहों को एकदूसरे से बांधे रखता है। गुरुत्‍वाकर्षण (Gravity) इंसान को और हर चीज को धरती की सतह से जोड़े रखता है या ऐसा कहें कि धरती के केंद्र की तरफ खींचता रहता है। आसान शब्दों में समझें तो अगर आप ज्यादा झुकते हैं तो गिर सकते हैं। आइए आज जानते हैं दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां आप जितना भी झुके फिर भी आप गिरेंगे नहीं ऐसा इसलिए है कि इन सभी जगहों पर गुरुत्वाकर्षण बल ज़ीरो है।

रिवर्स वाटरफॉल (Reverse Waterfall)

ऐसा झरना जहां से पानी नीचे नहीं, बल्कि पहाड़ों के ऊपर जाता है। सुनने में ये बात काफी हैरान करने वाली है, लेकिन ये सच है। यह एक रहस्यमयी उल्टा झरना है, इसे कवलशेत पॉइंट कहते हैं, जो महाराष्ट्र में सिंहगढ़ किले के पास स्थित है। रहस्यमय और अज्ञात तथ्यों के कारण यह जलप्रपात नीचे गिरने के बजाय आसमान की ओर बढ़ता है। ऐसा देखा जाता है कि जब ऊंचाई से कोई चीज फेंकी जाती है, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण वो नीचे धरती पर ही जाती है।

वाटरफॉल भी गुरुत्वाकर्षण का ही पालन करते हैं, लेकिन नानेघाट झरने इस नियम के अधीन नहीं है, बल्कि गुरुत्वाकर्षण के नियमों के विपरीत काम करता है। घाट की ऊंचाई से झरना नीचे गिरने के बजाय ऊपर आ जाता है। इस नजारे को देख आप खुद हैरान रह जाएंगे। आमतौर पर लोग कहते हैं कि ऐसा किसी गुरुत्वाकर्षण-विरोधी बल के कारण होता है जो पानी के बहाव को गिरने से रोकता है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसा हवा के भारी दबाव के कारण होता है।

मिस्‍ट्री स्‍पॉट (Mystery Spot)

अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैंटा क्रूज शहर में एक मिस्‍ट्री स्‍पॉट (Mystery Spot) है। मिस्‍ट्री स्‍पॉट के नाम से फेमस यहां पर एक जगह है। इस मिस्‍ट्री स्‍पॉट पर गुरुत्‍वाकर्षण बल ज़ीरो हो जाता है। कुछ शोधकर्ताओं ने साल 1939 में इस जगह को ढूंढा था। साल 1940 में जॉर्ज प्रैथेर नाम के एक व्यक्ति ने इसे आम लोगों के लिए खोला था। शोधकर्ताओं ने द्वारा बताया गया था कि जब उन्होंने इस जगह की खोज की थी तब उन्होंने अनुभव किया था की इस जगह पर एक अजीब से ताकत है।

मैग्‍नेटिक हिल (Magnetic Hill)

पूरी दुनिया में बिना गुरुत्‍वाकर्षण बल वाली दो जगह ऐसी भी हैं, जहां गाड़िया चलाने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि गाड़ी अपने आप पहाड़ की तरफ खिंची चली जाती है। अगर आप अपनी गाड़ी की चाभी निकाल दें और उसको बंद कर देंगे तब भी आपको ऐसा एहसास होगा कि गाड़ी अपने आप ऊपर की ओर खिच रही है। यह जगहें हैं- अमेरिका के फ्लोरिडा की 'स्‍पू‍क हिल' और भारत में लद्दाख की 'मैग्‍नेटिक हिल'।

कृष्णा बटर बॉल (Krishna Butter Ball)

महाबलीपुरम में स्थित विशालकाय ग्रेनाइड पत्थर है जिसे ‘कृष्णा बटर बॉल'कहते हैं। कृष्‍णा बटर बॉल या वानिराई काल (आकाश के भगवान का पत्‍थर) एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस 'कृष्‍णा बटर बॉल' की ऊंचाई 20 फीट है और यह 5 मीटर चौड़ी है। चट्टान का आधार 4 फीट से भी कम है, जबकि यह एकदम पहाड़ी की ढलान पर स्थित है। पत्थर का वजन करीब 250 टन है।

यह चट्टान चार फीट से भी कम पहाड़ी के ढलान पर स्थित है। कृष्‍णा बॉल को देखकर ऐसा लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है लेकिन इस पत्‍थर को हटाने के लिए पिछले 1300 साल में कई प्रयास किए गए लेकिन सभी विफल रहे। इसी वजह से रिस्‍क उठाने वाले लोग ही इस पत्‍थर के नीचे बैठते हैं। यह पत्‍थर करीब 45 डिग्री के स्‍लोप पर है। इस पत्‍थर पर गुरुत्‍वाकर्षण का भी कोई असर नहीं है।

हूवर बांध (Hoover Dam)

यूनाइटेड स्टेट्स कोलराडो नदी पर बने 'हूवर बांध' नाम के एक बांध पर ग्रेविटी का नियम फेल हो जाता है। आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन सच यही है। एक तो यह कि इस बांध की बहुत ज्यादा ऊंचाई हैं। यह बांध धनुष के आकार में बनी हुई है। इस बांध पर चलने वाली तेज हवाएं हमेशा नीचे से ऊपर की तरफ आती है और यही एक कारण है कि अगर कोई बोतल से पानी नीचे की ओर डालेगा तो वह पानी तेज हवाओं के साथ हमेशा ऊपर की तरफ ही आएगा।

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