पिछड़ रही प्लास्टिक कचरे से सड़क बनाने की योजना, पिछले साल के मुकाबले निर्मित सड़क की लंबाई घटी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में रखे गए इस साल जनवरी तक के आंकड़े के अनुसार पिछले साल 2022-23 में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल से 678 किलोमीटर सड़क का ही निर्माण किया जा सका जबकि इसके एक साल पहले 714 किलोमीटर सड़क बनी थी।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 14 Feb 2023 07:54 PM (IST)
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल पर जोर दिए जाने के बावजूद स्थिति यह है कि पिछले साल दस राज्यों में एक किलोमीटर सड़क भी ऐसी नहीं बन सकी, जिसमें इसका प्रयोग किया गया हो। दो राज्यों में केवल एक-एक किलोमीटर सड़क ऐसी बनी जिसमें प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल हुआ।
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुआ ठीक-ठाक काम
अगर उत्तर प्रदेश (344 किलोमीटर) और कर्नाटक (97), छत्तीसगढ़ (86) और मध्य प्रदेश (65) जैसे राज्यों में अपेक्षाकृत ठीकठाक प्रदर्शन न हुआ होता तो स्थिति और खराब होती। हाल में सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाईवे से लगती सर्विस और स्लिप रोड के निर्माण में भी प्लास्टिक कचरे का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करने के लिए कहा है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अभी राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में भी प्लास्टिक कचरे के उपयोग की योजना परवाह नहीं चढ़ पा रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में रखे गए इस साल जनवरी तक के आंकड़े के अनुसार पिछले साल 2022-23 में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल से 678 किलोमीटर सड़क का ही निर्माण किया जा सका, जबकि इसके एक साल पहले 714 किलोमीटर सड़क बनी थी। 2020-21 में एक हजार किलोमीटर से अधिक सड़क प्लास्टिक कचरे के सहयोग से बनी थी। बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए सड़क निर्माण में इसके प्रयोग को अहम माना गया है।दस राज्यों में खाता भी नहीं खुला
प्लास्टिक कचरे के साथ बनी सड़क को केवल तारकोल वाली सड़क के मुकाबले अधिक टिकाऊ और मजबूत माना गया है। इसके साथ ही यह तारकोल की जरूरत को भी 15 प्रतिशत कम कर देता है। अरुणाचल, असम, गोवा, गुजरात, जम्मू, झारखंड, अंडमान, हिमाचल, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड का खाता भी नहीं खुला।ओडिशा और बंगाल में लगभग एक किलोमीटर सड़क ऐसी बनी जिसमें प्लास्टिक अपशिष्ट का इस्तेमाल हुआ। उत्तर प्रदेश में पिछले तीन साल से प्लास्टिक कचरे के सड़क निर्माण में इस्तेमाल के मामले में लगातार अच्छा काम हो रहा है। पिछले पांच साल में प्लास्टिक कचरे के सहयोग से बनीं सड़कें (किमी)2018-19 24.232019-20 350.032020-21 1004.632021-22 773.982022-23 676.99