PLI Scheme : भारत की IT हार्डवेयर का बड़ा उत्पादक बनने की तैयारी, 44 कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
इस स्कीम के तहत आईटी हार्डवेयर से जुड़ी 44 कंपनियों ने भारत में उत्पादन करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इस माह की 30 तारीख तक पीएलआई स्कीम के तहत उत्पादन के लिए कंपनियां अपना आवेदन कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों को उत्पादन को सहायता देने के लिए ही आगामी एक नवंबर से लैपटाप टैबलेट्स जैसे आइटम के आयात पर पाबंदी लगाई जा रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्मार्टफोन के बाद अब आईटी हार्डवेयर के क्षेत्र में भारत बड़ा उत्पादक देश बनने की पूरी तैयारी कर चुका है। इस साल मई में आईटी हार्डवेयर से जुड़े लैपटाप, टैबलेट्स, ऑल इन वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्माल फार्म फैकटर्स (यूएसएफएफ) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) स्कीम 2.0 की घोषणा की गई थी।
क्या कहना है विशेषज्ञों का ?
इस स्कीम के तहत आईटी हार्डवेयर से जुड़ी 44 कंपनियों ने भारत में उत्पादन करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इस माह की 30 तारीख तक पीएलआई स्कीम के तहत उत्पादन के लिए कंपनियां अपना आवेदन कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों को उत्पादन को सहायता देने के लिए ही आगामी एक नवंबर से लैपटाप, टैबलेट्स, पीसी जैसे आइटम के आयात पर पाबंदी लगाई जा रही है।
निर्यात में भारत की हिस्सेदारी
हालांकि सरकार इस पाबंदी के लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दे रही है। भारत में लैपटाप व पीसी का सालाना कारोबार आठ अरब डॉलर का है। 75-80 प्रतिशत लैपटाप और पीसी आयात किए जाते हैं जिनमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी चीन की है। दूसरी तरफ लैपटाप, टैबलेट्स व पीसी का वैश्विक बाजार 220 अरब डॉलर का है और इसके निर्यात में भारत की हिस्सेदारी नगण्य है।
220 अरब डॉलर का बाजार
जानकारों का कहना है कि स्मार्टफोन की तरह ही भारत घरेलू बाजार के लिए लैपटाप, पीसी जैसे आइटम के लिए पूरी तरह आत्मनिर्भर बनना चाहता है तो दूसरी तरफ इन आइटम का निर्यात शुरू कर 220 अरब डॉलर के बाजार में भी सेंध लगाना चाहता है। अभी चीन, ताइवान, जापान, अमेरिका जैसे कुछ देश ही लैपटाप, टैबलेट्स व पीसी का मुख्य रूप से उत्पादन करते हैं।
भारत में बड़े पैमाने पर आईटी हार्डवेयर का उत्पादन
जानकारों के मुताबिक पीसी बनाने वाली कंपनियां विस्ट्रान, लेनेवो, डेल, एचपी, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, फाक्सकान व सैमसंग जैसी कंपनियां पहले से भारत में निर्माण कार्य में मौजूद है। पीएलआई स्कीम की मदद से ये कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर आईटी हार्डवेयर का उत्पादन शुरू कर सकती है। एप्पल स्मार्टफोन के बाद अब बड़े पैमाने पर अपने टैबलेट का उत्पादन शुरू कर सकती है।
क्या है भारत की उम्मीद
भारत को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की तरफ से भारत में लैपटाप, टैबलेट का उत्पादन शुरू होने पर अमेरिका, यूरोप व खाड़ी के देशों में भारत आसानी से इन आइटम का निर्यात भी कर सकेगा। क्योंकि इन देशों के साथ भारत के दोस्ताना रिश्ते हैं और ये देश चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहते हैं। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण से जुड़ी कई घरेलू कंपनियां भी लैपटाप व टैबलेट्स का उत्पादन शुरू कर सकती है।