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    PM-CM की बर्खास्तगी बिल: किस सीएम पर दर्ज हैं सबसे अधिक मुकदमे, कानून होता तो अब तक कितनों की जाती कुर्सी?

    केंद्र सरकार एक नया विधेयक ला रही है जिसके अनुसार प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन से अधिक जेल में रहने पर पद छोड़ना पड़ेगा। यह कदम राजनीतिक शुचिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में अरविंद केजरीवाल समेत कई मंत्री जेल से सरकार चलाने की जिद पर अड़े रहे थे। आखिर विपक्ष क्‍यों कर रहा है विरोध?

    By Digital Desk Edited By: Deepti Mishra Updated: Mon, 25 Aug 2025 07:11 PM (IST)
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    किस सीएम पर दर्ज हैं सबसे अधिक मुकदमे, कानून होता तो अब तक कितनों को छोड़ना पड़ता पद? जागरण ग्राफिक्‍स

    डिजिटल टीम, नई दिल्‍ली। आजादी के बाद जब देश अपना संविधान बना रहा था, तब संविधान निर्माताओं के लिए इस बात की कल्पना करना भी मुश्किल रहा होगा कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति महीनों जेल में रहते हुए सरकार चलाने की जिद करेगा। उस समय राजनीति में शुचिता और नैतिकता के मानक बहुत ऊंचे थे। इन्हीं मानकों का पालन करते हुए तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। भारत की राजनीति में ऐसे और भी उदाहरण हैं।

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    लालकृष्ण आडवाणी ने जैन हवाला केस में नाम आने पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अदालत से क्लीन चिट मिलने के बाद ही दोबारा चुनाव लड़ा। राजनीति में मूल्यों का ह्रास जारी रहा और इस स्तर पर आ गया कि मुख्यमंत्री, मंत्री जैसे पदों पर रहते हुए लोग गिरफ्तार हुए और महीनों जेल में रहे, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। इस मसले पर संविधान भी खामोश है।

    केंद्र सरकार ने हाल में संसद में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें प्रविधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन से अधिक जेल में रहता है तो उसे हटा दिया जाएगा। विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश के तौर पर देख रहा है और इसका विरोध कर रहा है। विधेयक राजनीति में शुचिता को बढ़ावा देने वाला या दमनकारी है, इसकी पड़ताल ही आज का मुद्दा है...

    कानून होता तो मंत्रियों को छोड़ना पड़ता पद

    दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई राज्यों के आठ मंत्रियों को जमानत मिलने से पहले 30 दिन से ज्यादा जेल में बिताने पड़े। अगर ये विधेयक प्रभावी होता तो उन्हें पद से हटा दिया जाता। इनमें से कम से कम सात को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसमें जमानत के लिए कड़े प्रविधान हैं।

    इन नेताओं पर भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग, जालसाजी और दिल्ली में कथित शराब घोटाले और बंगाल में शारदा चिटफंड और शिक्षक भर्ती घोटालों से जुड़े मामलों में धोखाधड़ी के आरोप हैं।

    गिरफ्तार किए गए मंत्रियों में सबसे ज्यादा पांच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से जुड़े थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी के चार और डीएमके और एनसीपी के एक-एक मंत्री थे।

    भाजपा के कितने मंत्री हुए गिरफ्तार?

    सितंबर 2014 में अन्नाद्रमुक की नेता मुख्यमंत्री जे जयललिता को लगभग दो दशक पहले दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के एक मामले में एक विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद 21 दिन जेल में बिताने पड़े थे। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को खारिज कर दिया था।

    2014 से अब तक भाजपा या उसके सहयोगी दलों के किसी भी मंत्री को किसी भी गंभीर अपराध के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया।

    कितने मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर मामले?

    देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 12 यानी 40% मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 10 यानी 33 प्रतिशत पर हत्या की कोशिश, किडनैपिंग और रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मामले हैं।

    तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी पर सबसे ज्यादा 89 मामले दर्ज हैं। चुनाव सुधार के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।

    किस मुख्‍यमंत्री पर कितने केस दर्ज?

    सीएम का नाम राज्‍य पार्टी आपराधिक मुकदमे
    रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस   89
    एमके स्टालिन तमिलनाडु डीएमके  47
    चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश  टीडीपी  19 
    सिद्धारमैया कर्नाटक कांग्रेस  13
    हेमंत सोरेन झारंखंड  झामुमो 5
    देवेन्द्र फडणवीस महाराष्‍ट्र   भाजपा  5
    सुखविंदर सिंह हिमाचल   कांग्रेस  5
    पिनराई विजयन केरल  सीएमआई-एम 2
    भगवंत मान पंजाब   आप   1

    साल 2014 के बाद जेल गए मंत्री 

    • जे जयललिता : एआईएडीएमके की मुखिया जयललिता भ्रष्टाचार के मामले में 21 दिन जेल में रहीं।
    • सुब्रतो मुखर्जी: टीएमसी पार्टी के नेता सुब्रतो मुखर्जी रिश्वत लेने के मामले में 11 दिन जेल में बंद रहे।
    • फिरहाद हाकिम: टीएमसी पार्टी के नेता फिरहाद  भ्रष्टाचार के मामले में 11 दिन सलाखों के पीछे रहे।
    • मनीष सिसोदिया: आम आदमी पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम रहते हुए मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार के मामले में एक साल 5 महीने जेल में रहे।
    • पार्थ चटर्जी : टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल 27 दिन जेल में बंद रहे।
    • सत्येंद्र जैन : आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दो साल 4 महीने कैद में रहे।
    • वी सेंथिल बालाजी : डीएमके नेता वी सेंथिल भ्रष्टाचार के मामले में एक साल 3 महीने जेल में रहे।
    • जितेंद्र एस तोमर: आम आदमी पार्टी के नेता जितेंद्र एस तोमर धोखाधड़ी के मामले में 45 दिन जेल में रहे।
    • अरविंद केजरीवाल: आप नेता केजरीवाल सीएम पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के मामले में 6 महीने जेल में बंद रहे।
    • ज्‍योति प्रिय मलिक: टीएमसी नेता ज्योति प्रिय मलिक भ्रष्टाचार के मामले में 80 दिन जेल में रहे।
    • मदन मित्रा : टीएमसी नेता मदन मित्रा धोखाधड़ी के मामले में एक साल 9 महीने जेल में बंद रहे।
    • नवाब मलिक: एनसीपी नेता नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक साल 5 महीने कैद में रहे। 

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