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पीएम केयर्स फंड से देश में बनेंगे 551 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट, मोदी सरकार का अहम फैसला

देश में कोरोना महामारी संकट के बीच लोग ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी से जिंदगी गंवा रहे हैं। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पीएम केयर्स फंड(PM CARES Fund)से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Sun, 25 Apr 2021 01:08 PM (IST)
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देश में इस समय मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत से मौतें हो रही हैं। (फोटो: दैनिक जागरण)
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत से देश जूझ रहा है। इसको लेकर सरकार की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है। पीएम मोदी ने देश में ऑक्सीजन की किल्लत कम करने को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। देश में पीएम केयर्स फंड से सरकारी अस्पतालों में 550 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई है कि पीएम मोदी ने देश में पीएम केयर्स फंड से 551 मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने की दिशा में पीएम मोदी के दिशा निर्देश  के अनुरूप, पीएम CARES फंड से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

पीएमओ ने बताया कि पीएम ने निर्देश दिया है कि इन पौधों को जल्द से जल्द कार्यात्मक बनाया जाना चाहिए। ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालय में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी। पीएमओ ने आगे बताया कि जिला मुख्यालय में सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने के पीछे मूल उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पताल में कैप्टिव ऑक्सीजन पीढ़ी की सुविधा है।

पीएमओ ने बताया कि इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन सुविधा इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करेगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन पीढ़ी के लिए "टॉप अप" के रूप में काम करेगा। पीएमओ ने बताया कि इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी कि जिलों के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान का सामना न करना पड़े और COVID-19 रोगियों और अन्य रोगियों को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति तक पहुंच हो, ऐसे समर्थन की आवश्यकता है।