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समाज के सामूहिक गुणों को सामने लाने में सफल रही 'मन की बात', पीएम मोदी ने इसे गुणों की पूजा बताया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम के भारतीय समाज जीवन के कई क्षेत्रों पर सकात्मक प्रभाव देखने को मिला है। नई पुस्तक इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस मन की बात 100 की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को गुणों की पूजा करार दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 17 Oct 2023 09:14 PM (IST)
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प्रधानमंत्री के मन की बात पर इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात @100 पुस्तक प्रकाशित। (फोटो- पीएम एक्स हैंडल)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'मन की बात' कार्यक्रम के भारतीय समाज जीवन के कई क्षेत्रों पर सकात्मक प्रभाव देखने को मिला है। नई पुस्तक 'इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात @ 100 ' की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को गुणों की पूजा करार दिया है।

गृह मंत्री शाह ने युवाओं से पढ़ने की अपील की

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि डाटा के साथ जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव की यात्रा का विश्लेषण को सभी युवाओं को पढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार 2014 में विजय दशमी के दिन 'मन की बात' को ऐसी प्रेरणादायक प्रसंगों को साझा करने के उदेश्य से शुरू हुई थी, जो रोजमर्रा की राजनीतिक आपाधापी में खो जाती हैं। धीरे-धीरे यह यात्रा पूरे भारत के सामूहिक गुणों और जीवन को रूपांतरित करने वाले जीवंत प्रसंगों को साझा करने का मंच बन गया।

जनता से संवाद का माध्यम बना मन की बात

प्रधानमंत्री के अनुसार यह जनता के साथ सीधे संवाद का माध्यम बन गया, जिसमें सभी एक-दूसरे से सीखते हुए एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक रेडियो का कार्यक्रम नहीं रह गया, बल्कि पूरे देश की आवाज बन गया। प्रधानमंत्री ने इस बात प्रसन्नता जताई कि ''मन की बात' में उठाये गए मुद्दों पर समाज में सकारात्मक चर्चा हुई और किसानों, कलाकारों व युवाओं के अन्वेषण को पहचान मिली।

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100 एपिसोड पर आधारित है पुस्तक

'मन की बात' के 100 एपिसोड पर आधारित इस पुस्तक में चार खंड में हैं। पहला खंड 'स्पीकिंग टू द नेशन' में जन भागीदारी से जुड़े राष्ट्रीय चरित्र को सामने लाने वाले मुद्दे रखे गए हैं। दूसरा खंड 'इनैबलिंग सोशल चेंज' में उन विषयों को रखा गया है, जहां प्रधानमंत्री के संबोधन में आम जनता को बदलाव के प्रेरित किया और उसका समाज, पर्यावरण व अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक असर देखने को भी मिला।

तीसरे खंड 'इंडियाज सिविलाइजेशनल यूनिटी इन इट्स स्प्लेंडिड डायवर्सिटी' में भारत की सुंदरता, विविधता को सामने लाने वाले विषयों को शामिल किया गया है। चौथे और अंतिम खंड 'स्टैटिस्टिक्स एंड स्ट्रेटेजीज' में डाटा और तीन सर्वे के माध्यम से 'मन की बात' के गुणात्मक और मात्रात्मक प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।

इससे पहले आ चुकी हैं दो पुस्तकें 

ध्यान देने की बात है कि 'मन की बात' कार्यक्रम पर इसके पहले दो पुस्तकें आ चुकी हैं। पहली पुस्तक 2017 में 26वें एपिसोड के पूरा होने के बाद और दूसरी पुस्तक 2019 में 50वें एपिसोड के पूरा होने पर छपी थी।

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