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पीएम मोदी ने की 38वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता, 50 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन के लिए आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) आधारित मल्टी-मोडल प्लेटफार्म की 38वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की है।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:22 AM (IST)
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पीएम मोदी ने की 38वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता।(फोटो: PTI)
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 38वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की और सात राज्यों में 50 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। प्रगति प्रो-एक्टिव गवर्नेस और परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए एक आइसीटी आधारित प्लेटफार्म है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मोदी ने इस बैठक में आठ परियोजनाओं की समीक्षा की। इनमें से चार परियोजनाएं रेल मंत्रालय से संबंधित हैं जबकि दो ऊर्जा मंत्रालय से और एक-एक परियोजना सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़ी हैं।

पीएमओ ने कहा, 'ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा की इन परियोजनाओं की कुल संचयी लागत 50,000 करोड़ रुपये है।' बैठक में प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले हुई 37 प्रगति बैठकों में विभिन्न राज्यों में 14.39 लाख करोड़ रुपये की 297 परियोजनाओं की समीक्षा की थी।

कैबिनेट ने रेलवे प्रोजेक्ट समेत कई योजनाओं को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ने दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी। ये लाइनें मध्यप्रदेश के नीमच और गुजरात के राजकोट में हैं। इसके अलावा पीएम पोषण निर्माण योजना शुरू करने का फैसला किया गया है, जिसके तहत सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भोजन मुफ्त में मिलेगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, पीएम ने कैबिनेट मीटिंग में दो अहम रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी। पहला प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में है। यह परियोजना औद्योगिक गतिविधियों और सांस्कृतिक विरासत वाले क्षेत्रों को लाभ प्रदान करेगी। दूसरा प्रोजेक्ट गुजरात में है, जिससे लॉजिस्टिक्स की लागत कम होगी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. ये परियोजनाएं अगले तीन वर्षों में पूरी होंगी।