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पीएम मोदी ने 'तेमसुला आओ' के निधन पर जताया दुख, नगा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयास को सराहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा डॉक्टर तेम्सुला आओ (Temsula Ao) के निधन से दुखी हूं जिन्होंने अपने साहित्यिक कार्यों के माध्यम से अद्भुत नगा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। (फाइल फोटो)

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 02:45 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फाइल फोटो ।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रसिद्ध भारतीय कवि तेम्सुला आओ (Temsula Ao) के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने कहा कि पद्मश्री प्राप्तकर्ता ने अपने साहित्यिक कार्यों के माध्यम से नगा संस्कृति (Naga culture) को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अंग्रेजी भाषा की कवयित्री और नगालैंड के विद्वान तेम्सुला आओ का रविवार रात 77 साल की उम्र में दीमापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया।

नगा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

पीएम मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, 'डॉक्टर तेम्सुला आओ के निधन से दुखी हूं, जिन्होंने अपने साहित्यिक कार्यों के माध्यम से अद्भुत नगा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उनकी आत्मा को शांति मिली।'

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2013 में मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार

बता दें कि टेम्सुला आओ ने अपने पूरे करियर में कई महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते। साल 2013 में 'लैबर्नम फॉर माई हेड' (लघु कथाएं) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2009 में मेघालय सरकार द्वारा राज्यपाल का स्वर्ण पदक शामिल हैं। टेम्सुला आओ को 2007 में पद्मश्री मिला था।

 आओ ने निदेशक के रूप में भी किया था काम

आओ ने नॉर्थ ईस्टर्न हिल युनिवर्सिटी (एनईएचयू) से प्रतिनियुक्ति पर 1992 और 1997 के बीच उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, दीमापुर के निदेशक के रूप में कार्य किया था

तेमसुला के ये दो कहानी संग्रह हैं प्रमुख

तेमसुला आओ के दो लघु कहानी संग्रह प्रकाशित हुए हैं। इनमें से एक हिल्स कॉल्ड होम: स्टोरीज फ्रॉम द वॉर जोन है। दूसरा लघु कहानी संग्रह जुबान और लेबर्नम फॉर माई हेड यह पेंगुइन इंडिया (2009) है। इस लघु कहानी संग्रह में दस लघु कथाएं शामिल हैं। नगा लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार द्वारा नगालैंड में विद्रोह से संबंधित हैं ।