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PM मोदी ने देशवासियों को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की दी बधाई, सुख समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के अवसर पर समस्त देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी और लोगों के विकास और अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना की। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 22 Apr 2023 01:55 PM (IST)
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PM मोदी ने देशवासियों को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की दी बधाई
नई दिल्ली, एएनआई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के अवसर पर समस्त देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा,"अक्षय तृतीया की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि दान-पुण्य और मांगलिक कार्य के शुभारंभ की परंपरा से जुड़ा यह पावन पर्व हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए"।

परशुराम जयंती की पीएम ने दी बधाई

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, "आप सभी को भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि उनकी कृपा से हर किसी का जीवन साहस, विद्या और विवेक से परिपूर्ण हो"। परशुराम जयंती को अक्षय तृतीया के रूप में भी मनाया जाता है, यह भगवान परशुराम के जन्म के दिन का प्रतीक है। भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम क्षत्रियों की बर्बरता से बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इस दिन को देश के अधिकांश हिस्सों में परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, परशुराम जयंती वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीसरे दिन) पर मनाई जाती है।

सौभाग्य और सफलता का प्रतीक है अक्षय तृतीया

वहीं, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन अप्रैल या मई में पड़ता है। अक्षय तृतीया देश भर में हिंदुओं और जैन धर्म के लोगों के द्वारा मनाए जाने वाला सबसे शुभ दिनों में से एक है। अक्षय तृतीया यह दिन सौभाग्य और सफलता का प्रतीक है। अक्षय तृतीया का पर्व प्रार्थना, दान और आध्यात्मिकता के साथ मनाया जाता है। वहीं इस दिन नया व्यवसाय शुरू करने, निवेश करने, सोना और अचल संपत्ति खरीदने के लिए यह दिन अत्यधिक भाग्यशाली माना जाता है।

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अलग-अलग तरीकों से मानाया जाता है पर्व

संस्कृत में, 'अक्षय' शब्द का अर्थ है 'कभी कम न होने वाला'। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन से शुरू होने वाली चीजें अपने रास्ते में कम बाधाओं के साथ हमेशा के लिए बढ़ती हैं और इस दिन अच्छे कर्म करने से अनंत सफलता और भाग्य की प्राप्ति होती है। उत्तर भारत से लेकर बंगाल और पंजाब से लेकर उड़ीसा तक अक्षय तृतीया को मनाने का अलग रिवाज और परंपरा है। पंजाब के लोग इस दिन धरती मां से अपनी अच्छी फसल की कामना करते हैं, वहीं बंगाल में लोग इस दिन लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा कर अपने अच्छे जीवन की मनोकामना करते हैं। वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी के चरणों के दर्शन सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन ही कराए जाते हैं।

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