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Parliament Winter Session: उपराष्ट्रपति को पीएम ने बताया संघर्षों की उपज, खरगे ने धनखड़ को बताया धरती पुत्र

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति की भी जिम्मेदारी संभाल ली है। इस दौरान राज्यसभा में उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें नई जिम्मेदारी की शुभकामनाएं दी। खरगे ने सभापति का स्वागत किया और उन्हें धरती पुत्र की संज्ञा दी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 07 Dec 2022 09:19 PM (IST)
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उपराष्ट्रपति को पीएम ने बताया संघर्षों की उपज, खरगे ने धनखड़ को बताया धरती पुत्र
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति की भी जिम्मेदारी संभाल ली है। इस दौरान राज्यसभा में उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें नई जिम्मेदारी की शुभकामनाएं दी और उनके संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी सिद्धि साधनों से नहीं, बल्कि साधना से मिलती है। उनके पास अधिवक्ता के रूप में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। उनमें किसान और जवान दोनों समाहित है।

पीएम ने ली सभापति की चुटकी

इस दौरान उन्होंने चुटकी भी ली और कहा कि सदन में उन्हें कोर्ट की कमी बिल्कुल महसूस नहीं होगी। यहां उन्हें गंभीर बहस और चर्चाएं देखने को मिलेगी। उपराष्ट्रपति के जीवन से जुड़े पहलुओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे उपराष्ट्रपति एक किसान पुत्र हैं और उन्होंने एक सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार, वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं।' प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में उन्हें मिले 75 प्रतिशत मतों को भी याद किया और कहा कि यह उनके प्रति सभी की आत्मीयता का प्रमाण है।

खरगे ने धनखड़ का किया स्वागत

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मौके पर सभापति का स्वागत किया और उन्हें धरती पुत्र की संज्ञा दी। साथ ही कहा कि उच्च सदन के संरक्षक के रूप में आपकी काफी बड़ी भूमिका है। जिसमें विपक्ष को उनका समर्थन जरूरी है। विपक्ष के लोग संख्या में भले ही कम होते है लेकिन उनके अनुभव में बड़ी ताकत होती है। यदि उन्हें महत्व दिया जाए और उनकी बातों को सुना जाए, तो उन सारी गलतियों से बचा जा सकता है, जो बाद में न्यायालयों में उजागर होती है। उन्होंने इस मौके पर सदन के छोटे होते सत्रों पर चिंता जताई और कहा कि सदन में विपक्ष को अपनी बात को रखने के लिए और मौका मिलना चाहिए। विधेयकों को बगैर चर्चा के या फिर संसदीय समितियों में भेजे बगैर जल्दबाजी में पारित कराने का भी मुद्दा उठाया।

सदस्यों ने सदन में रखी अपनी बात

इस दौरान खरगे ने एक शेर भी पढ़ा और कहा 'मेरे बारे में कोई राय मत बनाना गालिब, मेरा वक्त भी बदलेगा, मेरी राय भी बदलेगी।' इस मौके पर सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने बारी-बारी से उनका स्वागत किया और कहा कि विपक्ष को अपनी बात रखने का भी मौका देने की मांग की। इस दौरान बीजेडी, एनसीपी के सदस्यों ने सदन की गरिमा का पालन करने और लक्ष्मण रेखा को पार करने का भरोसा दिया। तृणमूल के सुखेंदु शेखर ने उनका स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि विपक्षी दलों को भी पर्याप्त अवसर मिलेगा। इस मौके पर नेता सदन पीयूष गोयल, जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, सपा ने प्रोफेसर राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता सुखेन्दु शेखर आदि ने भी अपनी बात रखी।

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