100 दिन... 25 देशों की यात्रा और 50 राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात, PM मोदी के तीसरे टर्म में भी दिख रही गजब की कूटनीति
PM Modi foreign policy विदेश मोर्चे पर मोदी सरकार (Modi World diplomacy) किस तरह हिट साबित हो रही है उसका एक गवाह ये भी है कि भारत सरकार ने कई विदेशी नेताओं से मेलजोल बढ़ाया और कई समझौते भी किए हैं। हाल ही में आसियान देशों की मीटिंग में भीरत ने एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी और चीन को भी उसकी उकात दिखाई थी।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में विदेश नीति (PM Modi foreign policy) पर पहले से भी बेहतरीन काम करते दिख रहे हैं। केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों की तरह ही दूसरे देशों के साथ संबंध सुधारने पर काम कर रही है। बीते 100 दिनों में जिस तरीके से पीएम मोदी और विदेश मंत्री ने विदेश दौरे किए हैं, वो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
विदेश मोर्चे पर मोदी सरकार (Modi World diplomacy) किस तरह हिट साबित हो रही है, उसका एक गवाह ये भी है कि भारत सरकार ने कई विदेशी नेताओं से मेलजोल बढ़ाया और कई समझौते भी किए हैं। हाल ही में आसियान देशों की मीटिंग में भीरत ने एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी और चीन को भी उसकी उकात दिखाई थी।
कई और ऐसे मौके आए जब मोदी सरकार की विदेश नीति हिट दिखी...
जब मोहम्मद मुइज्जू ने लिया यू-टर्न
- ये मोदी सरकार की कूटनीति का ही कमाल है कि 'इंडिया आउट' के नारे पर चुनाव जीतने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी यूटर्न लेना पड़ा। हाल ही में भारत आए मुइज्जू ने पीएम मोदी और भारत की खूब तारीफ की।
- चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू ने यहां तक कहा कि वो भारत के हितों को प्रभावित करने वाले किसी देश का साथ नहीं देंगे और हमेशा की तरह उसे अपना अहम साझेदार मानता है।
- बता दें कि चुनाव से पहले मुइज्जू का चीन प्रेम दिख रहा था और उसने भारत के 70 सैनिकों को मालदीव से वापस भेज दिया था। हालांकि, बाद में मुइज्जू के सुर बदल गए।
चीन को श्रीलंका ने दिखाई आंख
- दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसी कड़ी में भारत की विदेश नीति को तेजी से सफल बनाने में लगे हैं। श्रीलंका दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान श्रीलंका के तेवर भी बदले दिखे।
- चीन के गुन गाने वाले श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने चीन को खरी-खरी सुनाई। जयशंकर की मौजूदगी ने उन्होंने कहा कि वो अपनी जमीन का गलत इस्तेमाल नहीं होने देंगे।
रूस-यूक्रेन के साथ सामंजस्य
पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल में रूस और यूक्रेन का दौरा भी किया था। वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में पहुंचे थे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से भी नवाजा था। पीएम ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया था।
वहीं, यूक्रेन में जाकर मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और रूस-यूक्रेन युद्ध का हल निकाल शांति की अपील की। दोनों देशों की यात्रा के दौरान पुतिन ने कहा था कि मोदी ही इस युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। बता दें कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।
बाइडन और मेलोनी से मुलाकात
- पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद सबसे पहले इटली की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर इटली में जी7 नेताओं की आउटरीच बैठक में भाग लिया।
- 50वां जी-7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून को इटली के अपुलिया में आयोजित किया गया था। इस दौरान पीएम मोदी ने प्रमुख विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की थी और भारत को अपना सबसे खास दोस्त बताया था।
- तीसरे वॉयस आफ ग्लोबल साउथ समिट की मेजबानी करते हुए पीएम मोदी ने 21 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, 34 विदेश मंत्रियों और 122 देशों के 118 मंत्रियों से मुलाकात की।