पीएम मोदी ने ईस्ट एशिया सम्मेलन में कही ऐसी बात, सुनकर तिलमिला उठेगा चीन; 24 घंटे में दूसरी बार साधा निशाना
PM Modi पीएम मोदी ने शुक्रवार को ईस्ट एशिया सम्मेलन में हिस्सा लिया जहां से उन्होंने फिर एक बार चीन पर निशाना साधा है। इससे पहले आसियान-भारत सालाना सम्मेलन में भी उन्होंने चीन की तरफ इशारा किया था। पीएम मोदी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र और साउथ चाईना सी को लेकर वह सारी बातें कहीं जो इस क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपना रहे चीन को नागवार गुजर सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक दिन पहले आसियान-भारत सालाना सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के देशों के भौगोलिक संप्रभुता को समर्थन दे कर चीन की तरफ इशारा किया था। शुक्रवार को ईस्ट एशिया सम्मेलन में पीएम मोदी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र और साउथ चाईना सी को लेकर वह सारी बातें कहीं, जो इस क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपना रहे चीन को नागवार गुजर सकती है।
मोदी ने समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र को कानून सम्मत बनाते हुए यहां की समुद्री गतिविधियों को संयुक्त राष्ट्र के संबंधित कानून (अनक्लोस) से तय होने की मांग की और साउथ चाईना सी के संदर्भ में एक ठोस व प्रभावी आचार संहिता बनाने की भी बात कही। आसियान के सभी दस सदस्य देश भी इसकी मांग कर रहे हैं।
यह युद्ध का युग नहीं: पीएम मोदी
एक दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री ली शियांग के साथ बैठक में आसियान नेताओं ने इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया था। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने दुनिया के दूसरे क्षेत्रों में चल रहे तनाव के संदर्भ में कहा, 'विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है। सभी चाहते हैं कि चाहे यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द शांति और स्थिरता की बहाली हो।'
उन्होंने कहा, 'मैं बुद्ध की धरती से आता हूं और मैंने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकल सकता। संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का आदर करना आवश्यक है। मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए, डायलॉग और कूटनीति को प्रमुखता देनी होगी। विश्वबंधु के दायित्व को निभाते हुए, भारत इस दिशा में हर संभव योगदान करता रहेगा।'