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Alluri Sitarama: जानिए कौन हैं स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू, जिन्हें पीएम मोदी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक बताया

PM Modi Andhra Pradesh Visit पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश में एक कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू को एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक बताया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अल्लूरी ने हमारे देश को एकजुट किया है।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 03:40 PM (IST)
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अल्लूरी सीताराम राजू के 125वीं जयंती समारोह में पीएम।
भीमावरम, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आंध्र प्रदेश के भीमावरम में अल्लूरी सीताराम राजू के 125वीं जयंती पर साल भर तक चलने वाले समारोह में शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू को एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक बताया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अल्लूरी ने हमारे देश को एकजुट किया है।

अल्लूरी सीताराम की जीवन यात्रा एक प्रेरणा स्त्रोत

पीएम मोदी ने आगे कहा, " अल्लूरी सीताराम राजू के जन्मस्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली पुलिस थाने का जीर्णोद्धार और मोगल्लू में अल्लूरी मंदिर का निर्माण हमारी अमृत महोत्सव भावना का प्रतीक है।" उन्होंने कहा कि सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक, उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है। अल्लूरी राजू ने अपना जीवन दूसरों की भलाई के लिए और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांति लाने के लिए समर्पित कर दिया।

आंध्र प्रदेश देशभक्तों की भूमि

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की भूमि है। महान स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर ब्रिटिश राज के खिलाफ खड़े नेताओं तक ने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत योगदान दिया है। यहां पिंगली वेंकैया जैसे स्वतंत्रता नायक थे, जिन्होंने देश का झंडा तैयार किया। यह कन्नगंती हनुमन्थु, कंदुकुरी वीरसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामुलु जैसे नायकों की भूमि है।

अब देशवासी हर चुनौती को कहते हैं- 'दम है तो हमें रोक लो'

समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू ने अंग्रेजों से अपने संघर्ष के दौरान दिखाया कि दम है तो मुझे रोक लो। उन्होंने कहा कि राजू की तरह आज 130 करोड़ देशवासी भी अपने सामने खड़ी चुनौतियों और कठिनाइयों से उसी साहस और सामर्थ्य के साथ कह रहे हैं-दम है तो हमें रोक लो।

आदिवासियों के लिए अंग्रेजों से लड़े थे अल्लूरी राजू

बता दें कि 4 जुलाई 1897 को जन्मे अल्लूरी सीताराम राजू को पूर्वी घाट क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए याद किया जाता है। उन्होंने रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसे 1922 में शुरू किया गया था। उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा "मन्यम वीरुडु" (जंगलों का नायक) कहा जाता है।