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गोवा में दूसरे इंडिया एनर्जी वीक का उद्घाटन, PM मोदी बोले- 'बड़ा निर्यातक बनकर उभरेगा भारत'

दक्षिण गोवा के बेतूल में दूसरे इंडिया एनर्जी वीक(आइईडब्ल्यू) का उद्घाटन करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय इकॉनमी में गैस क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ही अगले 6-7 वर्षों में 67 अरब डालर का निवेश होगा।इससे देश में प्राकृतिक गैस का हिस्सा मौजूदा 6 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो जाएगा।पीएम ने बताया कि भारत पहले ही विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 06 Feb 2024 08:09 PM (IST)
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गोवा में दूसरे इंडिया एनर्जी वीक का उद्घाटन (Image: ANI)

जयप्रकाश रंजन, पणजी। भारत अपनी ऊर्जा जरूरत के लिए भले ही कच्चे तेल व गैस का बड़े पैमाने पर आयात करता है, लेकिन भारत अब एनर्जी के एक बड़े निर्यातक के तौर पर भी स्थापित होने लगा है। देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने जिस पैमाने पर निवेश की योजना बनाई है, उससे ऊर्जा क्षेत्र में भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा ग्रीन हाइड्रोडन, बायोमास, पेट्रोरसायन के एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता के तौर पर भी स्थापित होगा।

गोवा में पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

दक्षिण गोवा के बेतूल में दूसरे इंडिया एनर्जी वीक (आइईडब्ल्यू) का उद्घाटन करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने यही संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय इकोनमी में गैस क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ही अगले 6-7 वर्षों में 67 अरब डालर का निवेश होगा। इससे देश में प्राकृतिक गैस का हिस्सा मौजूदा 6 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो जाएगा।पीएम मोदी ने बताया कि भारत पहले ही विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है।

तेल व एलपीजी का भी तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता

साथ ही यह तेल व एलपीजी का भी तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसके अलावा चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक, चौथा बड़ा रिफाइनर, चौथा सबसे बड़ा आटोमोबाइल बाजार भी है। भारत में दोपहिया व चार पहिया वाहनों के अलावा इलेक्टि्रक वाहनों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अनुमान है कि 2045 तक भारत में एनर्जी की मांग दोगुनी हो जाएगी। यानी आज अगर हमें हर रोज 1.9 करोड़ बैरल तेल की जरूरत है तो वह 2045 तक 3.8 करोड़ बैरल तक पहुंच जाएगी।

भविष्य की जरूरतों के लिए भारत अभी से कर रहा तैयारी

भविष्य की इन जरूरतों को देखते हुए भारत अभी से तैयारी कर रहा है। देश के हर कोने में किफायती कीमत पर ऊर्जा दी जा रही है। भारत ऐसा देश है जहां वैश्विक संकट के बावजूद बीते 2 सालों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं। भारत न सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि ऊर्जा सेक्टर में विश्व के विकास की दिशा भी तय कर रहा है। पीएम ने बताया कि आज पूरी दुनिया के विशेषज्ञ भारत के जल्द तीसरी सबसे बड़ी इकोनमी बनने की बात कह रहे हैं।

आइईडब्ल्यू से इतर प्रधानमंत्री ने वैश्विक तेल व गैस कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञों के साथ भी बैठक की।11.11 लाख करोड़ के इन्फ्रा निवेश से ऊर्जा क्षेत्र को लाभ मिलेगापीएम ने कहा कि अगले वर्ष के दौरान इन्फ्रा क्षेत्र में होने वाले 11.11 लाख करोड़ के नए निवेश का बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र में जाना तय है। इस राशि से रेलवे, रोडवेज, वाटरवेज, एयरवेज या हाउ¨सग जो भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में बनेगा, उसको ऊर्जा की जरूरत होगी।ॉ

भारत इस समय ऊर्जा में इतना निवेश कर रहा

भारत इस समय ऊर्जा में इतना निवेश कर रहा है, जितना पहले कभी नहीं हुआ था। यही वजह है कि भारत के आयल, गैस व ऊर्जा क्षेत्र में हर वैश्विक कंपनी निवेश करना चाहती है। पीएम ने यह भी बताया कि देश में रिफाइ¨नग क्षमता को मौजूदा 25.4 करोड़ मीट्रिक टन सालाना से बढ़ाकर 45 करोड़ मीट्रिक टन बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

कार्बन उत्सर्जन में हमारी केवल चार प्रतिशत हिस्सेदारी

पीएम ने ग्रीन एनर्जी को अपनाने की भारत में हो रहे प्रयासों का भी विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पेट्रोरसायन व पेट्रोलियम उत्पादों का एक बड़ा निर्यातक बनने के बाद भारत जल्द ही हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का केंद्र बनने वाला है। उन्होंने बताया कि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है फिर भी कार्बन उत्सर्जन में हमारी हिस्सेदारी सिर्फ चार प्रतिशत है। सौर उर्जा क्षमता पिछले एक दशक में 20 गुना बढ़ी है। देश के नौ हजार पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री शुरू हो चुकी है।

कतर के साथ एलएनजी खरीद समझौता बढ़ाया

आइईडब्ल्यू में कतर और भारत के बीच मौजूदा गैस समझौते को नए सिरे से लागू करने की सहमति बन गई है। दोनो देशों के बीच मंगलवार को गैस खरीद का नया समझौता हुआ है, जो वर्ष 2028 से वर्ष 2048 तक के लिए लागू होगा। इस समझौते का आकार 78 अरब डालर का होगा। पेट्रोनेट एलएनजी ने बताया कि उसने कतर एनर्जी के साथ सालाना 75 लाख टन एलएनजी आयात करने के लिए समझौता किया है।

नए समझौते के मुताबिक, मौजूदा दर से मुकाबले एलएनजी की नई दर 0.8 डालर प्रति एमएमबीटीयू (प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट- गैस मापने का मापक) कम होगी और 20 वर्षों में भारत को कुल 6 अरब डालर की बचत होगी। पेट्रोनेट कतर से दो समझौतों के तहत कुल 85 लाख टन एलएनजी हर वर्ष आयात करती है। इसका इस्तेमाल सीएनजी, उर्वरक बनाने और बिजली उत्पादन में किया जाता है।

तेल उत्पादन में चार अरब डालर का निवेश करेगा वेदांत समूह

दिग्गज खनन समूह वेदांत लिमिटेड ने अगले तीन वर्षों के दौरान तेल उत्पादन को दोगुना करने के लिए चार अरब डालर के निवेश की घोषणा की है। कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने आइइडब्ल्यू से इतर मंगलवार को कहा कि तेल और गैस विस्तार कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि भारत में संसाधनों के साथ बाजार भी है लेकिन दुर्भाग्य से यहां अपनी जरूरत का केवल 15 प्रतिशत तेल उत्पादित किया जाता है। शेष तेल की पूर्ति आयात के जरिये होती है।

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