PM मोदी ने शिक्षा समेत इन क्षेत्रों की 26 हस्तियों से की मुलाकात, चुनौतियों एवं अवसरों के मुद्दों पर हुई बात
प्रधानमंत्री ने अमेरिका के इन थिंक-टैंक को भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का आग्रह किया। पीएम ने प्रमुख खगोलशास्त्री नील डिग्रेस टायसन से अलग से मुलाकात की। टायसन ने बाद में कहा कि मोदी के लिए संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने एक विज्ञान आधारित सोच रखने वाले नेता के साथ मुलाकात की है जो समाधान तलाशने पर ज्यादा जोर देता है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 21 Jun 2023 11:41 PM (IST)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका दौरे के पहले दिन न्यूयार्क में वहां के शिक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, कूटनीति, कला, अर्थ और कारोबार क्षेत्र के 26 प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की और भारत की व विश्व की संबंधित क्षेत्र की चुनौतियों व अवसरों के बारे में विस्तार से बात की। यह पहला मौका है जब विदेशी धरती पर किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इतने विविध क्षेत्र के हस्तियों से नीतिगत मुद्दों पर विमर्श किया है।
जानकारों का कहना है कि अगले वर्ष आम चुनाव की तैयारियों में जुटे पीएम मोदी की भावी राजनीति पर इस विमर्श का भी असर हो सकता है। यह भी संभव है कि आम जीवन को प्रभावित करने वाले शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर उन्हें जो सुझाव मिले हैं उसकी झलक पीएम मोदी की भावी नीतियों में दिखाई दे।इसी तरह से मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत जैसी मौजूदा नीति के साथ भारत में निवेश के माहौल को ज्यादा आकर्षक बनाने को लेकर जो सुझाव मिले हैं वह भी सरकार के काम आ सकती हैं।
कितनी हस्तियों से मिले PM मोदी?
सूत्रों ने बताया कि जिन 26 हस्तियों से पीएम की मुलाकात हुई है उन सभी का चयन काफी सोच समझ कर और व्यापक राष्ट्र हित को देखते हुए किया गया है। टेस्ला प्रमुख एलन मस्क का चयन अगर कंपनी की भारत में निवेश योजना को लेकर जारी अनिश्चितता को खत्म करने के लिए किया गया तो हेल्थ सेक्टर के 6 विशेषज्ञों का चयन इस आधार पर किया गया कि इनके सुझाव भारत की मौजूदा स्वास्थ्य नीति को बेहतर बनाने में कैसे सहायक साबित हो सकती है।
इनमें वेरिली लाइफ साइंसेस के संस्थापक प्रेसिडेंट डॉ. विवियन एस ली और नोबल पुरस्कार विजेता व मॉल्यूकुलर बायोलोजिस्ट डॉ. पीटर आग्रे व वैक्सीन अविष्कार की अग्रणी कंपनी वारोवैक्स के सीइओ डॉ. सुनील डेविड शामिल हैं।
शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी मिले PM मोदी
चर्चा के केंद्र में यह रहा है कि भारत जैसे देश हेल्थ सेक्टर में डिजिटल तकनीक का किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। पीएम ने इसके बाद अमेरिकी शिक्षा क्षेत्र के आठ विशेषज्ञों से अलग से मुलाकात की।
इस बैठक की एक खासियत यह रही कि अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले आठों सदस्य भारतवंशी थे। इसमें शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन डॉ. माधव वी राजन, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ऑफ मार्के¨टग प्रोफेसर जगमोहन राजू, बुफैलो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सतीश त्रिपाठी शामिल हुए।चर्चा का मुख्य बिंदू भारत की नई शिक्षा नीति के तहत अमेरिकी विश्वविद्यालय के साथ सहयोग को बढ़ावा देना और शोध संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है। पीएम मोदी ने फिर अमेरिका के छह प्रमुख थिंक टैंक के लोगों से मुलाकात की। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे।
इसमें काउंसिल आन फॉरेन रिलेशंस के नामित प्रेसिडेंट माइकल फ्रोमैन, एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टटीयू्ट के वाइस प्रेसिडेंट डेनियल रसेल, मैराथन इनीसिएटिव के सह-संस्थापक एलब्रिज कोलबि जैसे नाम थे। चर्चा का मुद्दा क्षेत्रीय भी रहा और वैश्विक भी।
नील डिग्रेस टायसन से भी मिले PM मोदी
पीएम ने अमेरिका के इन थिंक-टैंक को भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का आग्रह किया। पीएम ने प्रमुख खगोलशास्त्री नील डिग्रेस टायसन से अलग से मुलाकात की। टायसन ने बाद में कहा,उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की भी भूरी-भूरी तारीफ की है। पीएम मोदी ने प्रो. निकोलस तालेब से अलग से भेंट की।गणितीय सांख्यिकी की बिल्कुल अलग परिभाषा देने और आधुनिक काल के प्रखर बुद्धिजीवी के तौर पर मशहूर तालेब ने कहा,मोदी के लिए संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने एक विज्ञान आधारित सोच रखने वाले नेता के साथ मुलाकात की है जो समाधान तलाशने पर ज्यादा जोर देता है।
इसी तरह से नोबल पुरस्कार विजेता पॉल रोमर ने कहा कि मैंने आज बहुत कुछ सीखा है कि भारत क्या कर रहा है। भारत सरकार की आधार जैसी योजना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा उदाहरण है कि पहचान स्थापित करने के क्या फायदे हैं। पीएम मोदी ने मुझे बहुत अच्छे तरह से बताया है। पीएम ने मुझे कहा कि शहरीकरण समस्या नहीं है बल्कि अवसर है।उनके बीच मुख्य तौर पर जोखिम लेने के सिद्धांत और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की प्रकृति पर बात की है।