गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में शामिल हुए PM मोदी, शेयर की खूबसूरत तस्वीरें
Rashtriya Ekta Diwas। पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर को गुजरात के केवडिया में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत श्रेष्ठ भारत के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है। देखिए उनके दौरे की शानदार तस्वीरें...
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Wed, 01 Nov 2023 12:38 AM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Rashtriya Ekta Diwas: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुजरात के केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है।
नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ की परेड और 31 अक्टूबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सान्निध्य में राष्ट्रीय एकता दिवस का कार्यक्रम, ये तीनों राष्ट्र के उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की प्रेरणा से आज हम हर लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में भारत ने यह साबित कर दिखाया है कि सबका प्रयास हो, तो कुछ भी असंभव नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि Global Green City के रूप में एकता नगर आज दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के हमारे आदिवासी भाई-बहनों को हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की एकता और हमारी विकास यात्रा में तुष्टिकरण की राजनीति सबसे बड़ी रुकावट है। जो लोग हमारी एकता पर हमले कर रहे हैं, उनसे देशवासियों को सावधान रहना है। जो लोग सकारात्मक राजनीति नहीं कर पा रहे हैं, वे देश की एकता को तोड़ने में जुटे हैं। ऐसे में जनता-जनार्दन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के प्रथम गृह मंत्री पटेल आंतरिक सुरक्षा को लेकर सतर्क थे। बीते नौ वर्षों में देश की आंतरिक सुरक्षा के समक्ष कई चुनौतियां रहीं हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण दुश्मन पहले की तरह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि लोग आज भी आतंकवाद के उन दिनों को भूले नहीं हैं जब भीड़ में जाने पर मन शंका से भर जाता था। बम धमाकों के बाद की बर्बादी की तस्वीरें और उस दौर की सरकारों की सुस्ती भी हमने देखी है, फिर से उस दौर में देश को नहीं ले जाने देना है।