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पीएम मोदी ने जेपी और नानाजी देशमुख को जयंती पर दी श्रद्धांजलि, कहा- राष्ट्र निर्माण में खुद को किया समर्पित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेपी की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्होंने लाखों लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया। (फाइल फोटो)

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 09:43 AM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फाइल फोटो ।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। जयप्रकाश नारायण इमरजेंसी विरोधी आंदोलन से उभरे एक बड़े नेता थे। पीएम मोदी ने जेपी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। नानाजी देशमुख ने 60 के दशक में सामाजिक कार्य और ग्रामीण सशक्तिकरण के लिए सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी।

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भारत में जेपी का योगदान अद्वितीय: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्होंने लाखों लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया। उन्हें हमेशा लोकतांत्रिक आदर्शों के पथ प्रदर्शक के रूप में याद किया जाएगा।

— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2022

नानाजी एक उत्कृष्ट विचारक थे: पीएम मोदी

इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में देशमुख को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'भारत रत्न नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। ग्रामीण भारत और कृषि की उनकी समृद्ध समझ उनके कार्यों में परिलक्षित होती है। वे एक उत्कृष्ट विचारक भी थे।'

विरोध प्रदर्शनों के बीच सक्रिय राष्ट्रीय राजनीति में आए जेपी

1902 में जन्मे जेपी को प्यार से लोग उन्हें नारायण बुलाते थे। वह एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और एक क्रांतिकारी समाजवादी नेता थे। आजादी के बाद वे ज्यादातर सामाजिक कार्यों में शामिल रहते हुए दलगत राजनीति से दूर रहे थे। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ छात्र निकायों सहित विरोध प्रदर्शनों के बीच वह राष्ट्रीय राजनीति पर लौट आए थे।

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