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PM Modi Poland Visit: भारत से खास नाता रखने वाले 3 स्मारकों पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, काफी रोचक है इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने गुड महाराजा स्क्वायर मोंटे कसीनो स्मारक और कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि दी।पौलैंड के शरणार्थी जब इस जगह से चले गए तो विभिन्न स्मारकों के जरिये इसके महत्व को संरक्षित किया गया। कोल्हापुर में एक कब्रिस्तान है। 2014 में इस कब्रिस्तान को जीर्णोद्धार किया गया।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 21 Aug 2024 11:00 PM (IST)
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भारत से खास नाता रखने वाले 3 स्मारकों पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि (Image:X/@narendramodi)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री यात्रा के दौरान तीन स्मारकों, गुड महाराजा स्क्वायर, मोंटे कसीनो स्मारक और कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि दी। इन स्मारकों का इतिहास पौलेंड और भारत को बेहद खास तरीके से जोड़ता है।

आइये जानते हैं इन स्मारकों के इतिहास के बारे में...

महाराजा जाम साहेब ने यहूदी बच्चों की बचाई थी जान दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नवागर के महाराजा जाम साहेब ने पोलैंड से भारत लाकर न सिर्फ कई यहूदी बच्चों की जान बनाई थी बल्कि एक संरक्षक के तौर पर उनकी देखभाल भी की थी। नवागर के महाराजा ने विस्थापित बच्चों के लिए अपना समर पैलैस खुलवा दिया था। नवानगर अब गुजरात में है। वारसा का 'गुड महाराजा स्क्वायर' जाम साहेब दिग्विजय ¨सह की याद में बनाया गया है।

जाम साहेब ने बच्चों का भारत में स्वागत किया था

1942 में लगभग 1,000 बच्चों के समूह को साइबेरिया से भारत के लिए रवाना किया गया था। इन बच्चों को 1939 में पौलैंड पर सोवियत संघ के आक्रमण के बाद साइबेरिया में शिफ्ट किया गया था। एक कठिन यात्रा के बाद जाम साहेब ने बच्चों का भारत में स्वागत किया। मोंटे कैसिनो स्मारक मोंटे कैसिनो स्मारक 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोंटे कैसिनो की लड़ाई में द्वितीय पोलिश कोर के सैनिकों की जीत की याद दिलाता है।

कोल्हापुर के एक गांव की याद में बना स्मारक

द्वितीय पोलिश कोर ने पहाड़ी और उस पर बने मठ पर विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध में 900 से अधिक पोलिश सैनिक मारे गये। कोल्हापुर स्मारक कोल्हापुर स्मारक मोंटें कैसिनो स्मारक के बगल में बना हुआ है। कोल्हापुर के एक गांव की याद में यह स्मारक बनाया गया था। नवानगर के महाराजा जाम साहेब ने इसी गांव में पौलैंड के बच्चों को रखा था। 1945 में बच्चे कोल्हापुर में वालीवाडे चले गए थे।

2014 में इस कब्रिस्तान को जीर्णोद्धार किया गया

मुंबई से करीब 500 किलोमीटर दक्षिण में स्थित वालीवाडे को अनुकूल जलवायु की वजह से चुना गया था। पौलैंड के शरणार्थी जब इस जगह से चले गए तो विभिन्न स्मारकों के जरिये इसके महत्व को संरक्षित किया गया। कोल्हापुर में एक कब्रिस्तान है। 2014 में इस कब्रिस्तान को जीर्णोद्धार किया गया। इस कब्रिस्तान में पौलेंड के उन नागरिकों को दफनाया गया था, जिनकी मृत्यु भारत में हुई थी।

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