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G-20 सम्मेलन में PM मोदी ने उठाई ग्लोबल साउथ की आवाज, कहा- चर्चा तभी सफल होगी... जब इस पर ध्यान केंद्रित किया जाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील पहुंचे। पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के भव्य प्रबंधों और सफल अध्यक्षता के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है। यह बहुत संतोष की बात है कि हमने सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 10:59 PM (IST)
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जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी। ( फोटो- ANI)
पीटीआई, रियो डी जेनेरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वैश्विक संघर्षों की वजह से पैदा हुए खाद्य, ईंधन एवं उर्वरक संकट से सबसे ज्यादा ग्लोबल साउथ के देश प्रभावित हुए हैं और जी-20 को इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम वर्तमान सम्मेलन में भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी पिछले वर्ष थी।

ब्राजील की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 सम्मेलन में 'सामाजिक समावेशन और भूख व गरीबी के विरुद्ध लड़ाई' विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'सम्मेलन की चर्चा तभी सफल होगी जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों एवं प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे।'

उन्होंने वैश्विक शासन के संस्थानों में सुधार का भी आह्वान किया और कहा, 'जिस प्रकार हमने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करके ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद किया था, उसी प्रकार हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करेंगे।'

सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत भूख एवं गरीबी के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन के लिए ब्राजील की पहल का समर्थन करता है। नई दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में लिए गए जन केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता में आगे बढ़ाया गया है। यह बेहद संतुष्टि का विषय है कि हमने सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी। हमने समावेशी विकास, महिलाओं के नेतृत्व में विकास और युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया।'

मंत्रोच्चार से पीएम मोदी का स्वागत

इससे पहले ब्राजील पहुंचने पर वैदिक विद्वानों ने संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। विद्वानों के इस समूह में सभी उम्र के पुरुष एवं महिलाएं शामिल थे। वे सभी पारंपरिक भारतीय परिधान पहने हुए थे। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ब्राजील में भारत की संस्कृति, धर्म, प्रदर्शन कला और दर्शन के प्रति काफी रुचि है। रामकृष्ण मिशन, इस्कान, सत्य साईं बाबा, महर्षि महेश योगी और भक्ति वेदांत फाउंडेशन जैसे संगठनों की ब्राजील में सक्रिय शाखाएं हैं।

होटल पहुंचने पर भी प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिसमें गुजराती पोशाक में नर्तकियों द्वारा पारंपरिक डांडिया नृत्य भी शामिल था। प्रवासी भारतीयों ने उन्हें उपहार भेंट किए, भारतीय झंडे लहराए और उनकी यात्रा के प्रति अपना उत्साह व्यक्त करने के लिए उनकी तस्वीरें दिखाईं। 19वां जी-20 सम्मेलन मंगलवार तक चलेगा।

पीएम मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति को उपहार में पंचामृत कलश दिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू को उपहार में एक सिलोफर पंचामृत कलश दिया है। यह कलश महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पारंपरिक शिल्प कौशल का एक अद्भुत उदाहरण है। सिलोफर पंचामृत कलश उच्च गुणवत्ता वाली चांदी से बना है। इसे कौशल और सटीकता के साथ आकार दिया गया है। कलश के हैंडल और ढक्कन को इस प्रकार से तैयार किया गया है कि धार्मिक या अन्य समारोहों के दौरान आसानी से इसका उपयोग किया जा सके।

किसे कहते हैं पंचामृत?

सिलोफर कलश से पंचामृत परोसा जाता है। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के पवित्र मिश्रण को पंचामृत कहा जाता है। प्रधानमंत्री रविवार को नाइजीरिया की राजधानी अबुजा पहुंचे थे। 17 वर्ष के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली नाइजीरिया यात्रा थी। वर्तमान में प्रधानमंत्री तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।

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