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'पंचायत से केंद्र तक मिशन मोड में करना होगा काम', विकसित भारत बनाने के लिए पीएम मोदी ने लाल किले से किया आह्वान

Independence Day 2024 PM Modi Speech प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए अपने भाषण में विकसित भारत बनाने के लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायत से लेकर केंद्र के स्तर तक मिलकर प्रयास करने होंगे। साथ ही उन्होंने मध्यम वर्ग के जीवन स्तर में सुधार की जरूरत पर भी बल दिया।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 15 Aug 2024 11:45 PM (IST)
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पीएम ने कहा कि सभी दलों के जनप्रतिनिधियों को कंधे से कंधे मिलाकर जुटना होगा। (File Image)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुगम जीवन की अनुभूति को विकसित भारत की एक प्रमुख कसौटी मानते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंचायत से लेकर केंद्र सरकार तक शासन के हर स्तर पर सभी से इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिशन मोड में काम करने के लिए कहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि सुगम जीवन यानी ईज आफ लिविंग के स्तर में सुधार के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है।

पीएम ने कहा कि जन प्रतिनिधि किसी भी दल के हों, उन्हें इस काम में कंधे से कंधे मिलाकर जुटना होगा। प्रधानमंत्री ने खास तौर पर शहरी क्षेत्रों में जीवन स्तर की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए संस्थागत और सेवाओं में सुधार पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि इसके लिए बुनियादी ढांचे में अनवरत सुधार जरूरी है। पीएम ने सरकारी सेवाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने की प्रणाली को भी मजबूत करने पर जोर दिया।

'मध्यम वर्ग के जीवन स्तर में सुधार की जरूरत'

उनकी दृष्टि उस मध्य वर्ग के जीवन स्तर में सुधार की ओर थी, जिसकी शिकायत रहती है कि उसे सरकारी सिस्टम में अनदेखी का शिकार होना पड़ता है। पीएम ने कहा कि मध्य वर्ग राष्ट्र को बहुत कुछ देता है और इसके बदले में उसकी आकांक्षा एक स्तरीय जीवन की होती है। यह देश का भी दायित्व है कि जीवन स्तर में सुधार और सरकार की कठिनाइयों से मुक्ति के लिए उसकी जो अपेक्षाएं हैं, उन्हें पूरा करने के लिए काम किया जाए।

पीएम ने कहा कि उनका सपना है कि विकसित भारत की एक इकाई (कसौटी) यह भी होगी कि जहां सरकार की जरूरत हो वहां इसका अभाव न हो और सरकार की कमी का कोई प्रभाव न पड़े। पीएम ने याद दिलाया कि किस तरह गैरजरूरी सरकारी अनिवार्यताओं को कम करने के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म किया गया है। सुगम जीवन की संकल्पना व्यापक है, लेकिन इसके पांच महत्वपूर्ण आयाम-पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, भूमि और संपत्ति हैं।

'विकसित भारत के लिए मिलकर करना होगा काम'

पीएम ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को इस दिशा में पंचायतों के स्तर तक मिलकर काम करना होगा। मोदी के अनुसार शासन में सुधार की प्राथमिकता तय करनी होगी ताकि हम विकसित होने का संकल्प पूरा कर सकें। हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें सरकारी दखल कम से कम हो। सरकार सुगम जीवन की अनुभूति कराने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है।

पीएम ने कहा कि सुधार के प्रति हमारा संकल्प केवल कागजी बातों तक सीमित नहीं है। अगर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए काम करेंगी तो इससे बड़े बदलाव का रास्ता साफ होगा। मोदी ने कहा कि आज देश में पंचायत से लेकर केंद्र सरकार तक करीब तीन लाख संस्थाएं काम कर रही हैं। अगर ये संस्थाएं हर वर्ष अपने स्तर पर दो सुधार भी तय कर लें तो कितने बड़े पैमाने पर सुधार किए जा सकते हैं।

इन्फ्रा विकास के लिए बड़े कदम उठाए गए

स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पिछले दस साल में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में हुई प्रगति का विवरण देते हुए कहा कि रेलवे, परिवहन, पोर्ट, एयरपोर्ट, ब्राडबैंट कनेक्टिविटी स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में अभूतपूर्व काम हुआ है और इसका असर यह हुआ है कि आधारभूत ढांचे का कायाकल्प हो गया है। स्कूल और अस्पताल वनों और दूरदराज के क्षेत्रों तक बनाए गए हैं। आरोग्य मंदिर, नए मेडिकल कालेज का निर्माण उनकी सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है। चार करोड़ घरों का निर्माण किया गया है और तीन करोड़ नए घर बनाए जा रहे हैं। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने यथास्थिति वाली मानसिकता को बदला है।