Move to Jagran APP

PM modi: पीएम मोदी बोले- पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा

पीएम मोदी ने कहा कि देश के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा और दीर्घकालिक योजना बनाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन वैसे भी हमारे लिए कोई नया शब्द नहीं हैदेश में इसका दायरा बहुत बड़ा है और बहुत पुराना है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 03 Mar 2023 09:53 PM (IST)
Hero Image
पीएम मोदी बोले- पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा और दीर्घकालिक योजना बनाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन वैसे भी हमारे लिए कोई नया शब्द नहीं है। देश में इसका दायरा बहुत बड़ा है और बहुत पुराना है। सदियों से हमारे यहां यात्राएं होती रही है, जो हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का हिस्सा रहा है। यह भी तब होता था, जब हमारे पास संसाधन नहीं थे।

राजनीतिक उपेक्षा ने किया देश का बहुत नुकसान

पीएम मोदी ने यात्राओं की इस पुरातन परंपरा के बावजूद भी ऐसे स्थलों के विकास और समय के अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर अफसोस जताया और कहा कि पहले सैकड़ों वर्ष की गुलामी और फिर आजादी के बाद भी दशकों तक इस स्थानों की राजनीतिक उपेक्षा ने देश का बहुत नुकसान किया। फिलहाल अब इन स्थितियों को बदलने की तेजी से कोशिश की जा रही है।

काशी विश्वनाथ धाम का दिया उदाहरण

पीएम मोदी शुक्रवार को पर्यटन से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने को लेकर पोस्ट बजट आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। पीएम ने कहा कि जब यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ती हैं, तो कैसे यात्रियों में आकर्षण बढ़ता है, उनकी संख्या में भारी वृद्धि होती है और यह हम देश में देख रहे हैं। काशी विश्वनाथ धाम का पुनर्निर्माण इसका उदाहरण है। पुनर्निर्माण से पहले यहां दर्शन के लिए हर साल करीब 70-80 लाख लोग ही आते थे लेकिन अब यह संख्या सात करोड़ को पार कर गई है। इसी तरह केदार घाटी और स्टैच्यू आफ यूनिटी जैसे उदाहरण है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के विकास के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।

गांव भी बन रहे है पर्यटन केंद्र

उन्होंने कहा कि यदि देश के विभिन्न स्थलों में जनसुविधाएं बढ़ा दी जाए। जैसे डिजिटल कनेक्टिविटी, होटल और अस्पताल बेहतर बना दिए जाए। गंदगी का नामों-निशान न हो। बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर हो तो पर्यटन के क्षेत्र में कई गुना बढ़ोत्तरी हो सकती है। पीएम ने इस बात पर खुशी जताई कि अब हमारे गांव भी पर्यटन के केंद्र बन रहे है। सीमाओं के पास स्थित गांवों के लिए विकास के लिए वाइब्रेंट बार्डर विलेज योजना शुरू की गई है।

पर्यटन से जुड़ी असीम संभावनाओं का जिक्र किया

पीएम मोदी ने इस मौके पर देश में पर्यटन से जुड़ी असीम संभावनाओं का जिक्र किया और कहा कि इसके नए-नए क्षेत्र तैयार हो रहे है। जैसे कोस्टल टूरिज्म, बीच टूरिज्म, मैंगग्रोव टूरिज्म, हिमालयन और एडवेंचर टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, इको-टूरिज्म, हेरीटेज टूरिज्म, स्पीरिचुअल टूरिज्म, वेडिंग डेस्टिनेशन व स्पोर्ट टूरिज्म सहित कई क्षेत्र शामिल है।

भारत में तेजी से बढ़ रही है विदेशी पर्यटकों की संख्या

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से दुनिया में भारत के प्रति आकर्षण बढ़ा है, उसके चलते देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल जनवरी में दो लाख विदेशी पर्यटक आए थे,जबकि इस साल जनवरी महीने में आठ लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए। ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए हमें इसके लेकर रणनीति बनानी होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत आने वाले विदेशी पर्यटक अभी यहां आने पर औसतन 1700 डालर खर्च करते है, जबकि अमेरिका जाने वाले विदेशी पर्यटक वहां औसतन 2500 डालर व आस्ट्रेलिया जाने वाले प्रति पर्यटक करीब 5000 डालर खर्च करता है।

बजट में पर्यटन से जुड़ी घोषणाओं का किया जिक्र

उन्होंने कहा कि हमें भी अपनी पर्यटन नीति को कुछ इस तरह तैयार करनी होगी, ताकि यहां आने पर भी वह ज्यादा खर्च करें। उन्होंने बजट में पर्यटन से जुड़ी घोषणाओं का जिक्र किया और यह चर्चा उसे तेजी से आगे बढ़ाने में उत्प्रेरक काम काम करेगी। वैसे भी पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो रोजगार और स्वरोजगार के भी काफी अवसर मुहैया कराता है।

प्रोफेशनल टूरिस्ट गाइड की कमी पर काम करने की बताई जरूरत

पीएम मोदी ने इस दौरान टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी बेसिक चुनौतियों पर भी काम करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि हमारे यहां प्रोफेशनल टूरिस्ट गाइड्स की कमी है। इसके लिए स्थानीय कॉलेजों में गाइड्स के लिए सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाने चाहिए। इन्हें प्रतिस्पर्धी बनाया जाना चाहिए ताकि बहुभाषी और अच्छे टूरिस्ट गाइड मिल सकें। पीएम ने इस दौरान पर्यटन क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों को कई टिप्स भी दी। जिसमें स्कूल और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में पर्यटन के प्रति रुझान बढ़ाने, वे¨डग (शादी) डेस्टिनेशनल आदि पर काम करने की जरूरत बताई।

पचास पर्यटन स्थल ऐसे विकसित करें जहां हर कोई जाना चाहे

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि हमें देश में कम से कम पचास पर्यटन स्थल को इस तरह से विकसित करना चाहिए, जिसके बारे में पूरी दुनिया को पता हो और यदि वह भारत आए तो इस जगह पर जाना न भूले। राज्यों को इस बात पर गर्व होना चाहिए, कि दुनिया के इतने देशों के लोग उनके यहां आते है। इसके आधार पर ही वह उन्हें लक्ष्य कर योजनाएं भी बनाए। वह उन देशों के दूतावासों के जरिए भी उसका प्रचार-प्रसार करेंगे। इन सभी स्थलों से जुड़ी सारी जानकारी संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं में होना चाहिए।