PM Modi Interview: 'देश को नहीं चाहिए मिली-जुली सरकार', पीएम मोदी बोले- मैंने हमेशा राष्ट्रहित में लिया फैसला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों के मिलजुल कर भाजपा से मुकाबला करने की कोशिशों पर बड़ा कटाक्ष किया है।एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में लोगों की स्वाभाविक पसंद भारतीय जनता पार्टी ही होगी। मिलीजुली सरकार के दौर की पहचान भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति से होती है।
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों के मिलजुल कर भाजपा से मुकाबला करने की कोशिशों पर बड़ा कटाक्ष किया है। देशवासियों की आम राय है कि उन्हें मिली-जुली सरकार की जरूरत नहीं है। देश पहले ही ऐसे गठबंधनों के चलते अपने तीस साल गंवा चुका है।
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में लोगों की स्वाभाविक पसंद भारतीय जनता पार्टी ही होगी। मिलीजुली सरकार के दौर की पहचान भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति से होती है। लोगों ने तीन दशकों में मिलीजुली सरकारों की अस्थिरता देखी है। उस दौरान सुशासन की कमी, तुष्टीकरण की राजनीति और भ्रष्टाचार को भी झेला है। इसका नतीजा यह हुआ कि जनता की उम्मीद और विश्वास तो टूटा ही, दुनिया के सामने भारत की छवि गलत बनी। इसलिए अब स्वाभाविक रूप से जनता की पसंद भारतीय जनता पार्टी है।
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उन्होंने यह भी कहा कि दिनों दिन मजबूत होती भाजपा दक्षिण भारत में भी सशक्त हो रही है। वह दक्षिण भारत में भी सबसे बड़ी पार्टी है। केरल में स्थानीय निकाय में जगह बना चुकी है तो छह महीने पहले तक कर्नाटक की सत्ता पर भी काबिज थी। ईसाई बहुलता वाले नगालैंड और मेघालय समेत छह पूर्वोत्तर राज्यों में भी वह सत्तारूढ़ है। हमारी सरकार 16 राज्यों में है और आठ राज्यों में हम प्रमुख विपक्षी दल हैं। भाजपा की स्वीकार्यता पूरे भारत में है।
मोदी की गारंटी चुनाव जीतने का फॉर्मूला नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी की गारंटी कोई चुनाव जीतने का फॉर्मूला नहीं है। यह तो देश के गरीबों का विश्वास है। और वह किसी भी कीमत पर यह विश्वास टूटने नहीं देंगे। गरीबों का विश्वास उन्हें ऊर्जा देता है। उन्होंने कहा कि देश के बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ने से विकास और रोजगार में चौमुखी इजाफा हुआ है। सुधारवादी कदमों से ही लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। भारत की विकास यात्रा ने रफ्तार पकड़ी है जिससे पांच ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनने का विश्वास जागा है।उन्होंने विपक्ष के लगाए बेरोजगारी और महंगाई के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना और वैश्विक संघर्षों के बावजूद भारत में मंदी नहीं आई। रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 2014-15 से वर्ष 2023-24 (नवंबर तक) औसत महंगाई 5.1 प्रतिशत रही जो यूपीए के शासनकाल में 8.2 प्रतिशत थी।