'कश्मीर हो या अरुणाचल, देश में कहीं भी बैठक कर सकते हैं' पीएम मोदी का चीन और पाकिस्तान को जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि ये एक सामान्य बात है कि देश के हर हिस्सों में जी20 की मीटिंग आयोजित की जा रही है। कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 मीटिंग करवाए जाने पर पाकिस्तान और चीन ने आपत्ति जाहिर की है। पीएम मोदी ने आतंकवाद और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दों पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि विभिन्न संघर्षों से निपटने के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 03 Sep 2023 12:49 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए भारत तैयार है। जो बाइडन समेत दुनिया के कई प्रमुख राजनेता कुछ ही दिनों में भारत आने वाले हैं। 9-10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा।
इसी बीच रविवार को पीएम मोदी (PM Modi on G20) ने कहा कि जी20 की मीटिंग पूरी देश में आयोजित की जा रही है। हम (भारत) जी20 अध्यक्ष हों या न हों, हम दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के हर प्रयास का समर्थन करेंगे।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन पर साधा निशाना
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ये एक सामान्य बात है कि देश के हर हिस्सों में जी20 की मीटिंग आयोजित की जा रही है।बता दें कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 मीटिंग करवाए जाने पर पाकिस्तान और चीन ने आपत्ति जाहिर की है। कुछ महीनों पहले कश्मीर में G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (TWG) की मीटिंग हुई थी, जिसे लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने खूब शोर-शराबा मचाया था।
उन्होंने आगे कहा,"आज के वक्त आतंकी नापाक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए डार्कनेट, मेटावर्स, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे हैं।
संघर्षों से निपटने के लिए बातचीत अहम: पीएम मोदी
रूस-यूक्रेन युद्ध पर उन्होंने कहा,"विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न संघर्षों से निपटने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र तरीका है।" पीएम ने आगे कहा कि साइबर अपराधों से लड़ने में वैश्विक सहयोग न केवल वांछनीय बल्कि अपरिहार्य है।पीएम मोदी ने आगे कहा,"साल भर चलने वाले G20 कार्यक्रमों में 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सबकी आवाज सुने बिना भविष्य की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।"
पीएम मोदी ने ये भी कहा,"भारत की G20 प्रेसीडेंसी की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है।"
जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण प्रतिबंधात्मक नहीं बल्कि रचनात्मक होना चाहिए; यह मत करो या वह मत करो पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए। भारत प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण का दृढ़ता से समर्थन करता है।
जी20 को लेकर पीएम मोदी ने कई कुछ अहम बातें-
- साल भर चलने वाले G20 कार्यक्रमों में 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं।
- G20 में अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। सबकी आवाज सुने बिना भविष्य की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।
- कभी एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाने वाला भारत अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है।
- भारत की जी20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए।
- हम जी20 की अध्यक्षता के बाद भी रचनात्मक योगदान जारी रखेंगे।