नीलू रंजन, नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव को देश का भाग्य बदल देने वाला समय बताया है। फिर से वापसी का हुंकार भरते हुए उन्होंने चुनावी प्रचार का रोडमैप भी बताया और कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार के 10 साल के काम और अगले पांच साल के प्लान के साथ हर लाभार्थी और मतदाता तक पहुंचने की अपील की।
तीसरी बार भाजपा सरकार को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से अगले 100 दिनों तक पूरे जोश और उत्साह के साथ जुटने का आह्वान किया। 2047 तक विकसित भारत के संकल्प और उसके लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कांग्रेस पर तीखा तंज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में विकसित भारत के निर्माण का वायदा तक कहने की हिम्मत नहीं है। विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने 2024 में भाजपा की जीत को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की ओर छलांग लगाने के लिए अगला पांच साल काफी अहम है। तीसरे टर्म में देश की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की गारंटी देते हुए प्रधानमंत्री इससे देश के साथ-साथ आम जनता के जीवन में होने वाले लाभ को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था का मतलब होगा भारत की आर्थिक, सैन्य और सांस्कृतिक शक्ति में कई गुना की बढ़ोतरी।
भाजपा के लिए 370 सीटों का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि 2014 में जब देश की अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डालर के कम थी तो आधारभूत संरचना पर महज दो लाख करोड़ रुपये खर्च होते थे। लेकिन पिछले 10 सालों में चार ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने के बाद 11 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी कारण से पूरे देश में चौतरफा विकास के कार्य हो रहे हैं। तीसरे टर्म में सात मिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने के बाद आधारभूत संरचना में आमूलचूल परिवर्तन दिखेगा, इससे हर व्यक्ति के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार और आय में बढ़ोतरी होगी।प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास से राजग के लिए 400 और भाजपा के लिए 370 सीटों के लक्ष्य को आसान बताया।
मतदाताओं को जोड़ने का मंत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को हर लाभार्थी तक पहुंचकर प्रधानसेवक का प्रमाण पहुंचाने को कहा। लाभार्थी के साथ मिलने पर कार्यकर्ताओं को नमो एप के सहारे लाभार्थी को मोदी की चिट्ठी भी देने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने पिछले 10 साल के काम और पांच साल के प्लान के साथ हर मतदाता तक पहुंचने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मतदाताओं संपर्क के समय पंथ, परंपरा को दरकिनार रखना होगा। किसी कारण यदि कोई मतदाता अभी तक भाजपा के साथ नहीं जुड़ नहीं पाया है, तो उन्हें भी इस बार साथ में जोड़ने के लिए काम करना होगा। राजग के 400 पार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को राजग दलों के सीटों पर भी इसी जोश के साथ मतदाताओं तक पहुंचने को कहा। एक दिन पहले कार्यकारिणी की बैठक में मोदी 31 करोड़ नए मतदाताओं को जोड़ने का मंत्र दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को अबकी बार, 400 पार के मिशन पर जुट जाना है।
भाजपा क्यों है जरूरी
पिछले 10 साल के कार्यकाल में विकास की गति तेज करने में मिली सफलता और अनुच्छेद 370, तीन तलाक और राम मंदिर के निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्यों के संपन्न होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार क्यों जरूरी है। इसके लिए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे भी जारी रखने, महंगाई पर लगाम लगाए रखने, देश के दुश्मनों में डर बनाए रखने, निवेश की गति व नौकरी के अवसरों के निर्माण की गति बनाए रखने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं को शतप्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने और उन्हें जारी रखने की जरूरत का हवाला दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज और 55 करोड़ गरीबों को मुफ्त व कैशलेस इलाज की सुविधा को जारी रखने के लिए भाजपा सरकार का आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना देखने और उसे सिद्धि तक पहुंचाने का काम सिर्फ भाजपा और राजग की सरकार ही कर सकती है।
राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति है उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए उनका मिशन सुख वैभव के लिए नहीं है। एक पुराने नेता के साथ हुए वार्तालाप का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह 13 साल मुख्यमंत्री और 10 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी गई थी। मोदी के अनुसार राजनीति के पुराने अनुभवों के आधार पर उस पुराने नेता ने उन्हें यह सलाह ही थी। लेकिन उनका उद्देश्य सिर्फ राजनीति कर सत्ता हासिल करना नहीं है, बल्कि मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र का निर्माण करना है।
उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्याभिषेक के बाद समाज और देश की सेवा का उनका मिशन उसी तरह से जारी रहा। उन्होंने साफ किया कि 10 सालों की उपलब्धियां तो सिर्फ एक पड़ाव है, अभी बहुत सारे निर्णय लेना बाकी है, बहुत कुछ हासिल करना शेष है। अपने तीसरे कार्यकाल की झलक देते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान विकसित भारत की मजबूत नींव रखी जाएगी। इसके लिए डेढ़ साल पहले से काम शुरू भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि विकसित भारत के रोडमैप को लेकर 15 लाख से अधिक लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया है और उनके सुझाव आए हैं। इसमें आधे से अधिक की उम्र 35 साल से कम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि देश के युवाओं ने विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है।
हताश कांग्रेस
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को हताश और निराश बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उसके पास देश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास झूठे वायदे की कोई कमी नहीं है। लेकिन विकसित भारत का वायदा करना तो दूर उसका जिक्र करने भी वे घबराते हैं। कांग्रेस को भ्रष्ट्राचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की जननी बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों से देश को बचाना हमारा दायित्व है।
उन्होंने कांग्रेस पर भाषा और क्षेत्र के आधार पर लोगों को बांटने की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सेनाओं का मनोबल तो तोड़ने का काम किया ही, देश की सुरक्षा और सामरिक शक्ति को नुकसान पहुंचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इस सिलसिले में उन्होंने राफेल विमान खरीद में विवाद खड़ा करने, सर्जिकल व एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगने और हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड को लेकर लगाए गए झूठे आरोपों का हवाला दिया। मोदी विरोध को कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर उसमें दो खेमे खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इतनी ज्यादा हताश है कि सैद्धांतिक व वैचारिक स्तर पर वह विरोध करने का साहस भी नहीं दिखा पा रही है।
दक्षिण भारत में अप्रत्याशित नतीजों के संकेत
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के पहले रखे गए व्रत के दौरान दक्षिण भारत के दौरे का हवाला देते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष अप्रत्याशित नतीजे आने के संकेत दिये। उन्होंने कहा कि वहां लोगों के जिस भाव और आत्मियता से मिले वह अभिभूत करने वाला है। जिसके परिणाम का अनुमान राजनीतिक पंडित भी नहीं लगा सकते। ध्यान देने की बात है कि कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में अभी तक भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
विपक्षी नेताओं द्वारा उत्तर-दक्षिण विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि हर क्षेत्र और हर व्यक्ति का विकास उनकी प्राथमिकता में है। इसके लिए उन्होंने पूर्वोत्तर भारत का उदाहरण दिया, लोकसभा की कम सीटों के कारण आजादी के बाद 70 सालों तक जिसकी अनदेखी की गई। उन्होंने कांग्रेस के भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटने के कांग्रेस की नीति के विपरीत भाजपा की नीति सभी को जोड़ने की रही है। इसके लिए उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए किये कार्यों और संयुक्त राष्ट्र में पहली बार अपने तमिल में संबोधन और ब्रिटिश से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल को लोकसभा में स्थापित करने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगमम और सौराष्ट्र-तमिल संगमम की सफलता उत्तर-दक्षिण की दूरियां कम होने का प्रमाण है।
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