National Handloom Day: 'वोकल फॉर लोकल देशवासियों को आया पसंद', पीएम मोदी बोले- यह बन गया एक जनआंदोलन
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में खादी के उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और खादी के कपड़ों की बिक्री भी पांच गुना बढ़ गई है। देश-विदेश में खादी के कपड़ों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज वोकल फॉर लोकल की भावना के साथ देशवासी स्वदेशी उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं ये एक जनआंदोलन बन गया है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Mon, 07 Aug 2023 01:46 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कुछ लोग भारत को एक विकसित देश बनाने में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं और देशवासी अब भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण जैसी बुराइयों को भारत छोड़ने के लिए कह रहा है।
दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वदेशी को लेकर देश में एक नई क्रांति आई है, और नागरिकों से आगामी त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पादों को और बढ़ावा देने का आग्रह किया।
पीएम मोदी ने स्वदेशी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि ये समय आजादी के लिए दिए गए हर बलिदान को याद करने का है। उन्होंने कहा कि आज के दिन 'स्वदेशी आंदोलन' की शुरूआत हुई थी। स्वदेशी का ये भाव सिर्फ विदेशी कपड़े के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि ये हमारी आर्थिक आजादी का बहुत बड़ा प्रेरक था। ये भारत के लोगों को अपने बुनकरों से भी जोड़ने का अभियान था।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे परिधान, हमारा पहनावा हमारी पहचान से जुड़ा रहा है। देश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी साथियों से लेकर बर्फ से ढके पहाड़ों तक, मरुस्थल से लेकर समुद्री विस्तार और भारत के मैदानों तक, परिधानों का एक खूबसूरत इंद्रधनुष हमारे पास है।
पीएम मोदी ने पिछली सरकार पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद वस्त्र उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जो पिछली सदी में इतना मजबूत था। उन्होंने कहा कि आलम यह था कि इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया। खादी पहनने वाले लोगों को हीन भावना से देखा जाता था। 2014 से हमारी सरकार इस स्थिति और सोच को बदलने में जुटी है।खादी के कारोबार में नौ साल में तीन गुना वृद्धिः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में खादी के उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और खादी के कपड़ों की बिक्री भी पांच गुना बढ़ गई है। देश-विदेश में खादी के कपड़ों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज वोकल फॉर लोकल की भावना के साथ देशवासी स्वदेशी उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं, ये एक जनआंदोलन बन गया है।