पहले भारत को एक अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप में जाना जाता था, अब यह दो अरब कुशल हाथों का देश है: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को पहले एक अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप में देखा जाता था लेकिन अब यह एक अरब आकांक्षी दिमाग और दो अरब कुशल हाथों का देश है। उन्होंने कहा कि भारतीयों के पास आज विकास की नींव रखने का शानदार मौका है जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत विकसित देश बन जाएगा।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 03 Sep 2023 12:32 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव होंगे, जिनमें से कुछ मेरे दिल के बेहद करीब हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 में हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को दुनिया भविष्य के रोडमैप के रूप में देखती है, न कि विचारों के रूप में।
2047 तक विकसित बनेगा भारत: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पीटीआई को दिए खास इंटरव्यू में कहा कि दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है। भारत उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। हमारे देश में भ्रष्टाचार, जातिवाद और साम्प्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा।
पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को किया खारिज
प्रधानमंत्री ने कश्मीर और अरुणाचल में G20 बैठक पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है।पीएम मोदी के इंटरव्यू की खास बातें
- लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप में देखा जाता था। अब यह एक अरब आकांक्षी दिमाग और दो अरब कुशल हाथों का देश है।
- भारतीयों के पास आज विकास की नींव रखने का शानदार मौका है, जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा।
- भारत निकट भविष्य में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा।
- सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोग गैर-जिम्मेदार वित्तीय नीतियों और लोकलुभावनवाद से सबसे अधिक पीड़ित हैं।
- गैरजिम्मेदार वित्तीय नीतियां, लोकलुभावनवाद अल्पकालिक राजनीतिक परिणाम दे सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में बड़ी सामाजिक, आर्थिक कीमत वसूल सकते हैं।
- साल भर चलने वाले G20 कार्यक्रमों में 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं
- वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के लिए भारत की वकालत का उद्देश्य विकासशील देशों के लिए अपने ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विकल्प तैयार करना है।
- G20 में अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। सबकी आवाज सुने बिना भविष्य की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।
- भारत की G20 प्रेसीडेंसी की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है।
- कभी एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाने वाला भारत अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है।
- भारत की जी20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए
- मुद्रास्फीति दुनिया के सामने प्रमुख मुद्दा है। हमारी G20 अध्यक्षता ने यह मान्यता दी कि एक देश में मुद्रास्फीति विरोधी नीतियां दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए नीतिगत रुख का समय पर और स्पष्ट संचार महत्वपूर्ण है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले पीएम मोदी?
रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न संघर्षों को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों से लड़ने में वैश्विक सहयोग न केवल वांछनीय बल्कि अपरिहार्य है।