'देश को भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार से छुटकारा दिला सकते हैं युवा', पीएम मोदी बोले- आजादी के बाद नेताजी के विचार पर हुआ हमला
Netaji Birth Anniversary प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राजनीति में भाई-भतीजावाद वंशवाद और भ्रष्टाचार ने आजादी के बाद भारत के विकास को अवरुद्ध किया। पीएम मोदी ने लोगों खासकर महिलाओं और युवाओं से इन बुराइयों को खत्म करने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि नेताजी का जीवन उनका योगदान भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राजनीति में भाई-भतीजावाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार ने आजादी के बाद भारत के विकास को अवरुद्ध किया। पीएम मोदी ने लोगों, खासकर महिलाओं और युवाओं से इन बुराइयों को खत्म करने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि नेताजी का जीवन, उनका योगदान भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है। सरकार ने पिछले 10 वर्षों में लोगों को नेताजी की विरासत से जोड़ने के प्रयास किए हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पीएम मोदी का संबोधन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में लाल किले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भाई-भतीजावाद और वंशवाद की दोहरी बुराइयां भारत के लोकतंत्र पर हावी होने लगीं। इस कारण विकास की रफ्तार तेज नहीं हो सकी।पीएम ने कहा, नेताजी ने कहा था कि अगर हमें भारत को महान बनाना है तो राजनीतिक लोकतंत्र और लोकतांत्रिक समाज की नींव मजबूत होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद नेताजी के विचार पर गंभीर हमला हुआ। नेताजी देश के सामने मौजूद चुनौतियों को भली-भांति समझते थे और उनके बारे में सभी को आगाह करते थे।
पीएम ने भाई भतीजावाद पर किया प्रहार
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की महिला और युवा शक्ति देश की राजनीति को भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार की बुराइयों से मुक्त कर सकती है। पीएम मोदी ने कहा, हमें राजनीति के माध्यम से इन बुराइयों को खत्म करने और उन्हें हराने का साहस दिखाना होगा। नेताजी बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।पीएम मोदी ने 'भारत पर्व' का भी शुभारंभ किया। 'भारत पर्व' 31 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान गणतंत्र दिवस की झांकियों और सांस्कृतिक प्रदर्शनी के साथ देश की समृद्ध विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका आयोजन यह रामलीला मैदान और माधव दास पार्क में होगा।
पीएम ने कहा, भारत पर्व सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों का प्रति¨बब है। यह पर्व लोकल फार वोकल को अपनाने, पर्यटन को बढ़ावा देने, विविधता का सम्मान करने और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे इससे जुड़ें। देश की विविधता का जश्न मनाएं।