एयर इंडिया-बोइंग डील के बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से की बात, इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
एयर इंडिया और बोइंग के बीच डील के बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात की। इस दौरान व्यापक और वैश्विक साझेदारी को और गहरा बनाने पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है। (फाइल फोटो)
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 14 Feb 2023 11:16 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बातचीत की और अंतरिक्ष, सेमी-कंडक्टर, आपूर्ति श्रृंखला, रक्षा सह-उत्पादन और सह-विकास समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की गहरी इच्छा व्यक्त की।
व्यापक और वैश्विक साझेदारी को और गहरा बनाने पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी से और सार्थक वार्तालाप हुई। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बात करके खुशी हुई। भारत-अमेरिका व्यापक और वैश्विक साझेदारी को और गहरा बनाने के लिए जारी और नई पहलों की समीक्षा के लिए उत्कृष्ट चर्चा। हम ऐतिहासिक एयर इंडिया और बोइंग समझौते का स्वागत करते हैं, जो दोनों देशों में नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा।"
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सभी क्षेत्रों में हुआ मजबूत विकास
इससे पहले, पीएमओ ने कहा कि मोदी और बाइडन ने भारत-अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी प्रगाढ़ होने पर संतोष व्यक्त किया, जिसके परिणामस्वरूप सभी क्षेत्रों में मजबूत विकास हुआ है।
एयर इंडिया-बोइंग समझौते का स्वागत
पीएमओ ने कहा कि दोनों देशों ने एयर इंडिया और बोइंग के बीच एक "ऐतिहासिक समझौते" की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का एक शानदार उदाहरण बताया, जो दोनों देशों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने बोइंग और अन्य अमेरिकी कंपनियों को भारत में बढ़ते नागर विमानन क्षेत्र के कारण उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर
पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं ने वाशिंगटन डीसी में हाल ही में आयोजित क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर पहल की पहली बैठक का स्वागत किया और अंतरिक्ष, सेमी-कंडक्टर, आपूर्ति श्रृंखला, रक्षा सह-उत्पादन और सह-विकास और ज्ञान और नवाचार पारिस्थितिक तंत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की गहरी इच्छा व्यक्त की।