Move to Jagran APP

ASEAN के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर होगी बात, शिखर सम्मेलन में PM Modi लेंगे हिस्सा

आगामी 07 सितंबर 2023 को आसियान (दक्षिणी पूर्वी एशिया के दस देशों का संगठन) भारत शिखर सम्मेलन का एजेंडा इस बार बहुत अलग सा तो नहीं है लेकिन आपसी रणनीतिक रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिहाज से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बाली में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी वहां जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 18 Aug 2023 11:39 PM (IST)
Hero Image
बाली में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी वहां जाएंगे। फोटोः एपी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी 07 सितंबर, 2023 को आसियान (दक्षिणी पूर्वी एशिया के दस देशों का संगठन) भारत शिखर सम्मेलन का एजेंडा इस बार बहुत अलग सा तो नहीं है लेकिन आपसी रणनीतिक रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिहाज से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

07 सितंबर, 2023 को बाली में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी वहां जाएंगे। पिछले साल पीएम मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। वर्ष 2022 में आसियान देशों के सभी सदस्यों के विदेश मंत्रियों की विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक हुई थी, जिसमें आपसी सहयोग के 17 सूत्रीय एजेंडा को अंतिम रूप दिया गया था। इसमें से कई एजेंडे पर अभी कोई काम आगे नहीं बढ़ पाया है।

रणनीतिक साझेदारी से कई अहम पहलुओं पर बढ़ा जाएगा आगे

माना रहा है कि शीर्ष नेताओं की सहमति मिलने के बाद रणनीतिक साझेदारी से जुड़े कुछ अहम पहलुओं पर आगे बढ़ा जाएगा। पिछले वर्ष की बैठक में भारत और आसियान ने समग्र रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही संयुक्त घोषणा पत्र में समुद्री आवागमन के लिए संयुक्त राष्ट्र की तरफ से निर्मित कानून (यूएनक्लोस) का सभी देशों से पालन करने की अपील की गई थी। यह सीधे तौर पर चीन की तरफ इशारा है क्योंकि वह साउथ चाइना समुद्री क्षेत्र में यूएनक्लोस के आदेश का पालन नहीं कर रहा है।

आसियान के कुछ देशों के साथ चीन के रिश्ते हुए हैं काफी खराब

पिछले एक वर्ष के दौरान आसियान के कुछ देशों के साथ चीन के रिश्ते काफी खराब हुए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी और आसियान के दूसरे शीर्ष नेताओं की तरफ से यूएनक्लोस को लेकर क्या बयान दिया जाता है।

समुद्री आवागमन और कारोबार भारत और आसियान के रिश्तों का मूल स्तंभ

सूत्रों के मुताबिक समुद्री आवागमन और कारोबार भारत और आसियान के रिश्तों का मूल स्तंभ है। पिछले वर्ष दोनो पक्षों ने समुद्री क्षेत्र में सहयोग को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाने की बात कही थी। अब यह निर्णय होगा कि इस बारे में किस तरह से आगे बढ़ना है। इसी तरह से पिछले वर्ष यह सहमित भी बनी थी कि आसियान-भारत ट्रेड इन गुड एग्रीमेंट (एआइटीआइजीए) को संशोधित किया जाएगा।

आसियान देशों से भारत को होने वाला निर्यात बढ़ रहा है

दरअसल, यह भारत की ही एक पुरानी मांग है। भारत का मानना है कि इस समझौते की वजह से आसियान के साथ उसके द्विपक्षीय कारोबार में उसे घाटा हो रहा है। आसियान देशों से भारत को होने वाला निर्यात बढ़ रहा है, लेकिन इन देशों के बाजार में भारतीय उत्पादों पहुंच खास नहीं बढ़ पा रही है। अब दोनो देश इसके प्रावधानों में संशोधन को लेकर बातचीत शुरु करेंगे। दोनो देशों के बीच फिनटेक, डिजिटल इकोनोमी और साइबर क्राइम को लेकर भी समझौते होने वाले हैं।