PM Vishwakarma Scheme का 17 सितंबर को शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी, इन लोगों को मिलेगा फायदा
पीएम मोदी (PM Modi) 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पांरपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme) का शुभारंभ करेंगे। यह योजना पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता और कौशल प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है। इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 15 Sep 2023 04:15 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। PM Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को लॉन्च करेंगे। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के द्वारका में स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने यह जानकारी दी।
क्या कहा पीएमओ ने?
पीएमओ के मुताबिक, पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता और कौशल प्रदान करने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित है। योजना को शुरू करने का उद्देश्य सदियों पुरानी परंपराओं, संस्कृति और स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प में सन्नहिति समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है।
विश्वकर्मा योजना की पूरी फंडिंग करेगी केंद्र सरकार
पीएम विश्वकर्मा योजना में 13 हजार करोड़ रुपये के साथ केंद्र सरकार पूरी फंडिग करेगी। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।
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पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है। इस योजना का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।
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