पीएम मोदी 25 नवंबर को यूपी के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखेंगे
यह एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। यह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम करने में मदद करेगा। पीएमओ के अनुसार दिल्ली नोएडा गाजियाबाद अलीगढ़ आगरा फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों सहित शहरों के लोगों की सेवा करेगा।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 02:54 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को दोपहर 1 बजे उत्तर प्रदेश के जेवर (गौतम बुद्ध नगर) में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा जिसके पास पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे।
बताया गया िक पीएम के दृष्टिकोण के अनुरूप ही हवाई अड्डे का विकास कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए तैयार विमानन क्षेत्र बनाने की दिशा में एक कदम है। इस दृष्टिकोण का विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश राज्य पर रहा है, जो हाल ही में उद्घाटन किए गए कुशीनगर हवाई अड्डे और अयोध्या में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित कई नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के विकास का गवाह बन रहा है।
यह एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर में बनने वाला दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। यह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम करने में मदद करेगा। पीएमओ के अनुसार, हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से स्थित है और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों सहित शहरों के लोगों की सेवा करेगा।
हवाई अड्डा उत्तर भारत का लाजिस्टिक गेटवे होगा। अपने पैमाने और क्षमता के चलते यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के लिए गेम चेंजर साबित होगा। यह उत्तर प्रदेश के कार्य को दुनिया के सामने लाएगा और वैश्विक रसद मैप पर राज्य को स्थापित करने में मदद करेगा।
आगे कहा गया कि पहली बार, भारत में एक हवाई अड्डे की अवधारणा एक एकीकृत मल्टी-मोडल कार्गो हब के साथ की गई है, जिसमें रसद के लिए कुल लागत और समय को कम करने पर ध्यान दिया गया है। हवाई अड्डा एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित करेगा जिसमें एक मल्टीमाडल ट्रांजिट हब, हाउसिंग मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सेवाएं और निजी पार्किंग की सुविधा होगी।
इससे हवाईअड्डे को सड़क, रेल और मेट्रो से जोड़ा जा सकेगा। नोएडा और दिल्ली को परेशानी मुक्त मेट्रो सेवा के माध्यम से हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अन्य जैसे आसपास की सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा।
हवाई अड्डे को नियोजित दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच की यात्रा केवल 21 मिनट में हो सकेगी। हवाई अड्डे में एक अत्याधुनिक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग (एमआरओ) सेवा भी होगी। हवाई अड्डे का डिजाइन कम परिचालन लागत और यात्रियों के लिए निर्बाध और तेज स्थानांतरण प्रक्रियाओं पर केंद्रित है।हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है। हवाई अड्डा 1300 हेक्टेयर से अधिक भूमि में फैला हुआ है, हवाई अड्डे के पहले चरण के पूरा होने की क्षमता एक वर्ष में लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की होगी और इस पर काम 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य है।