ब्राजील, गुयाना और नाइजीरिया की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, पढ़ें क्यों अहम है इन देशों का दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगले सप्ताह के अंत में ब्राजील की यात्रा पर जाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी गुयाना और नाइजीरिया की यात्रा पर भी जाएंगे। तीनों देशों में प्रधानमंत्री की यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। भारत अफ्रीका और कैरिबियन क्षेत्र के साथ अपने रिश्तों पर हाल के वर्षों में काफी तवज्जो देने लगा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताहांत कैरेबियन देश गुयाना, अफ्रीकी देश नाइजीरिया और दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील की यात्रा पर जाएंगे। यह यात्रा भारतीय कूटनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि भारत अफ्रीका और कैरिबियन क्षेत्र के साथ अपने रिश्तों पर हाल के वर्षों में काफी तवज्जो देने लगा है।
इस दौरान मोदी ब्राजील में 18-19 नवंबर, 2024 को जी-20 शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। पिछले वर्ष जी-20 की अगुवाई भारत ने की थी। ऐसे में उम्मीद है कि पीएम मोदी की तरफ से उन मुद्दों को उठाया जाएगा, जिनको सितंबर, 2023 में जी-20 की नई दिल्ली घोषणा-पत्र में तरजीह दी गई थी। इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के नियमन को लेकर वैश्विक सहमति बनाना और पारंपरिक ऊर्जा के इस्तेमाल की जगह पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए जरूरी फंड के इंतजाम का मुद्दा अहम होगा।
कई वैश्विक नेताओं के साथ होगी बैठक
ब्राजील में जी-20 बैठक के दौरान पीएम मोदी की कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की भी तैयारी है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी वहां रहेंगे। दोनों नेताओं के बीच आधिकारिक वार्ता की संभावना कम है। हालांकि, इनके बीच अनौपचारिक मुलाकात की संभावना बनी हुई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ उनकी मुलाकात तय है।अफ्रीकी देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर जोर
सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी ने हाल के वर्षों में हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर संयुक्त राष्ट्र जैसी एजेंसियों में सुधार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। यह काम जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी जारी रहेगा। भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से अफ्रीकी महादेश के अलग-अलग देशों के साथ लगातार संबंधों को मजबूत करने में जुटी है।नाइजीरिया की यात्रा अहम
ऐसे में नाइजीरिया की भारत के लिए खास अहमियत है, क्योंकि यह ना सिर्फ अफ्रीका की एक बड़ी आर्थिक शक्ति है, बल्कि भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी यह जरूरी है। भारत इससे बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद करता है। यही नहीं नाइजीरिया इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) और तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) का महत्वपूर्ण सदस्य है। ये दोनों संगठन भारत की कूटनीति और अर्थनीति के लिए जरूरी है।