PM Modi US Visit: भारत-अमेरिका के रिश्तों में नए युग की शुरुआत, मोदी और बाइडन ने साझा बयान में कही ये बड़ी बात
पीएम मोदी ने अमेरिकी सदन में कहा कि 9/11 और 26/11 के बाद भी आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है जिससे मिलकर लड़ना होगा। रक्षा क्षेत्र का जिक्र कर कहा कि अमेरिका आज भारत का सबसे अहम सहयोगी है। हम अंतरिक्ष और समुद्र में साथ काम कर रहे हैं। भारत में विमानों की मांग से अमेरिका में रोजगार बढ़ रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Fri, 23 Jun 2023 06:10 AM (IST)
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच गुरुवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता ने भारत व अमेरिका के रिश्तों में नए युग की शुरुआत कर दी है। पहली बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे पीएम मोदी का बाइडन प्रशासन ने ऐसा स्वागत किया, जैसा हाल के वर्षों में किसी दूसरे वैश्विक नेता का नहीं किया गया। पिछले दो दिनों में तीन चरणों में राष्ट्रपति बाइडन से मोदी की मुलाकात के बाद दोनों देशों की तरफ से रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार व अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में सहयोग की जो बड़ी घोषणाएं की गई हैं, वे बदलते वैश्विक समीकरण को भी बता रही हैं। इनमें भारत में अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस की तरफ से युद्धक विमान का इंजन बनाने से लेकर माइक्रोन की तरफ से भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट लगाने व अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग तक की घोषणा शामिल है।
पीएम मोदी ने अमेरिकी सदन में कहा कि 9/11 और 26/11 के बाद भी आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है, जिससे मिलकर लड़ना होगा। रक्षा क्षेत्र का जिक्र कर कहा कि अमेरिका आज भारत का सबसे अहम सहयोगी है। हम अंतरिक्ष और समुद्र में साथ काम कर रहे हैं। भारत में विमानों की मांग से अमेरिका में रोजगार बढ़ रहा है। मोदी के संबोधन के दौरान सदन में बार बार तालियां बजीं, तो सदन में प्रवेश के समय मोदी मोदी के नारे लगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सस्ता इंटरनेट डाटा बड़ी क्रांति है। पिछले 9 साल में एक अरब लोगों को इंटरनेट तकनीक से जोड़ा है। हमने सौर ऊर्जा क्षेत्र में काफी प्रगति की है। हमारा जोर एक सूर्य, एक देश और एक ग्रिड पर है। यूक्रेन युद्ध पर कहा कि इससे हमें बड़ी पीड़ा है। यह युद्ध का वक्त नहीं, बातचीत से समाधान जरूरी है। यूक्रेन युद्ध से यूरोप की तरफ से युद्ध वापस लौट आया है।
22 जून, 2023 को द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम मोदी जब व्हाइट हाउस पहुंचे तो वहां राष्ट्रपति बाइडन, उनकी पत्नी जिल बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस व बाइडन प्रशासन के तकरीबन सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अमेरिकी सरकार ने विशेष तौर पर सैकड़ों भारतवंशियों को इस अवसर पर व्हाइट हाउस के प्रांगण में आने की इजाजत दी हुई थी। यहां समारोह पूर्वक उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद मोदी और बाइडन के बीच पहले एकांत में विस्तार से वार्ता हुई और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ सघन बातचीत हुई। इसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल व विदेश सचिव विनय क्वात्रा शामिल थे। राष्ट्रपति बाइडन के साथ विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, एनएसए जेक सुलीवान और नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी थे।
बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज की वार्ता के बाद भारत व अमेरिका की समग्र रणनीतिक साझेदारी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों की संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है। हमने क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर बात की है। अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग की नई छलांग लगाई है। अमेरिका में रहने वाले 40 लाख भारतीयों को पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच संबंधों का सबसे बड़ा केंद्र बताया। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि मैं पीएम मोदी से लगातार मिलता हूं और हर बार दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाओं को देख कर अचरज में पड़ जाता हूं। आज हम दोनों दुनिया में साझा भविष्य की तरफ देख रहे हैं जिसकी अपार संभावनाएं हैं। विश्व इतिहास में इतनी करीबी व मजबूत साझेदारी नहीं हुई है।
शिखर बैठक से पहले पीएम मोदी ने अमेरिका की तीन दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की। ये कंपनियां हैं लड़ाकू विमान का इंजन बनाने वाली जनरल इलेक्ट्रिक, सेमीकंडक्टर बनाने वाली माइक्रोन और एप्लायड मैटेरियल्स। इन तीनों कंपनियों ने भारत में भारी भरकम निवेश का एलान किया है। माइक्रोन अहमदाबाद में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने में 2.7 अरब डालर निवेश करेगी। एप्लायड मैटेरियल्स की तरफ से 80 करोड़ डालर के निवेश का एलान किया गया है। जीई भारतीय वायु सेना के हल्के विमान तेजस के आधुनिक संस्करण में इस्तेमाल होने वाले एफ414 इंजन का निर्माण भारत में ही करेगी। राष्ट्रपति बाइडन ने भारत की तरफ से अर्टेमिस समझौते में शामिल होने की भी जानकारी दी। इससे दोनों देश अंतरिक्ष में साझा अभियान चलाएंगे और वर्ष 2024 में भारतीय को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजा जाएगा।
अभी भारत रूस के साथ मिल कर अंतरिक्ष में अपने आदमी भेजने की योजना पर काम कर रहा है। अमेरिकी सरकार ने बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की है। भारत भी सिएटल में वाणिज्य दूतावास खोलेगा। अमेरिकी पक्ष ने बताया है कि मोदी और बाइडन के बीच वार्ता में जनरल एटामिक्स 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर (रीपर) ड्रोन खरीदने को लेकर भी सहमति बन गई है। यह दुनिया का सबसे घातक मानवरहित विमान है, जो अपने अचूक निशाना व सटीक निगरानी के लिए जाना जाता है। यह भारतीय नौ सेना की शक्तियों को काफी बढ़ाने वाला सौदा होगा, क्योंकि रीपर ड्रोन से गहरे समुद्र में 1750 किलोग्राम तक गोला-बारूद या राकेट दागे जा सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 15 जून को 31 ड्रोन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।