कोणार्क सूर्य मंदिर की प्रतिकृति के सामने PM मोदी ने साधी वैश्विक राजनीति, अभूतपूर्व धरोहर से कराया परिचित
जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ दुनिया को अपने वैश्विक नेतृत्व से परिचित कराया बल्कि यह भी बताया कि वैश्विक नेताओं के साथ उनके किस तरह के आत्मीय रिश्ते हैं। सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करने के लिए उन्होंने जो स्थान चुना था इसके पीछे कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति लगी थी।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 11:42 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ दुनिया को अपने वैश्विक नेतृत्व से परिचित कराया, बल्कि यह भी बताया कि वैश्विक नेताओं के साथ उनके किस तरह के आत्मीय रिश्ते हैं। इन रिश्तों के साथ उन्होंने भारत के सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक इतिहास की भी जमकर ब्रांडिंग की।
सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राष्ट्राध्यक्षों व दूसरे मेहमानों का स्वागत करने के लिए उन्होंने जो स्थान चुना था, इसके पीछे कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति लगी थी। जिसके साथ ही मंदिर का पहिया भी विश्व राजनीति की धुरी बन गया। दुनिया भर में इसकी चर्चाएं होने लगीं।
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पीएम मोदी वैसे भी लोगों से गर्मजोशी से ही मिलते हैं, लेकिन शनिवार को शुरू हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत जिस अंदाज से उन्होंने किया वह वैश्विक राजनीति को साधने का एक अनूठा अंदाज ही कहा जा सकता है।
PM मोदी का दिखा अलग अंदाज
पीएम मोदी ने इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ ही ब्राजील के प्रधानमंत्री, फ्रांस के राष्ट्रपति आदि का जिस अंदाज में गले लगाकर और पीठ थप-थपाकर अभिवादन किया, वह दुनिया के लिए देखने वाला पल था।उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अपने पीछे लगी कोणार्क के सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति से भी परिचित कराया।