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PM Modi फिर होंगे ध्‍यान में लीन, चुनाव प्रचार समाप्‍त कर दो दिन के लिए जाएंगे कन्‍याकुमारी; स्‍वामी विवेकानंद भी यहां आए थे

देश में लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं। 1 जून को सातवें चरण के चुनाव हाेना शेष है। इस बीच अपने चुनाव अभियान के समापन पर पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी का दौरा करेंगे। पीएम मोदी कन्याकुमारी में रॉक मेमोरियल जाएंगे और 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में उसी स्थान पर दिन-रात ध्यान करेंगे।

By Agency Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 28 May 2024 03:38 PM (IST)
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वर्ष 2019 में केदारनाथ की रुद्र गुफा में पीएम मोदी ने ध्‍यान किया था। (फाइल फोटो)

एएनआई, नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं। 1 जून को सातवें चरण के चुनाव हाेना शेष है। इस बीच, अपने चुनाव अभियान के समापन पर पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी का दौरा करेंगे।

पीएम मोदी कन्याकुमारी में रॉक मेमोरियल जाएंगे और 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में उसी स्थान पर दिन-रात ध्यान करेंगे, जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था।

प‍िछली बार केदारनाथ गए थे पीएम 

मालूम हो कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी अंतिम चरण के मतदान के समय पीएम मोदी ने केदारनाथ का दौरा किया था और वहीं रुद्र गुफा में ध्यान भी किया था। उनका यह दौरा उस समय काफी चर्चा में रहा था और आज भी उनकी ये तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं।

भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी में स्थान चुनने का मोदी का निर्णय देश के लिए विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वह 4 जून को वोटों की गिनती के बाद तीसरी बार सत्ता में लौटने को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होना है। चुनाव के लिए प्रचार अभियान चुनाव से दो दिन पहले समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा,

जिस चट्टान पर प्रधानमंत्री ध्यान करेंगे, उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था और यह भिक्षु के जीवन में गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ के समान ही महत्व रखता है।

पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानन्द यहीं पहुंचे, तीन दिनों तक ध्यान किया और एक विकसित भारत का सपना देखा।

शिव-पार्वती से जुड़ी मान्‍यता

एक भाजपा नेता ने कहा कि उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस स्थान को पवित्र ग्रंथों में भगवान शिव के लिए देवी पार्वती के ध्यान के स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान भारत का सबसे दक्षिणी छोर है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि यह वह जगह है, जहां पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं, यह देखते हुए कि यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। एक नेता ने कहा,

प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और स्नेह को भी दर्शाता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं।

राष्‍ट्रपति मुर्मु भी यहां आ चुकीं

पिछले साल मार्च में राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी विवेकानंद रॉक मेमोरियल का दौरा किया था। वे उस समय केरल, लक्ष्‍यद्वीप और तमिलनाडु के छह दिवसीय दौरे पर थीं। उन्‍होंने इस दौरे को एक यादगार अनुभव बताया था।

रॉक मेमोरि‍यल के बारे में 

भारत के तत्‍कालीन राष्ट्रपति श्री वी.वी. गिरि ने 2 सितम्बर 1970 को रॉक मेमोरियल का उद्घाटन किया था। यह स्वामी विवेकानंद के साथ-साथ एकान्तजी रानाडे का भी स्मारक है।

कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानन्द का यह स्मारक- एकता और पवित्रता का एक अनूठा प्रतीक है, जो राष्ट्र की एकजुट आकांक्षा का एक और प्रतीक है। स्मारक में देश की समस्त स्थापत्य सुंदरता का सुखद और सौहार्द्रपूर्ण मिश्रण है।