आज ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी, अमेरिका-चीन, रूस समेत 18 देश भी होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16वें ईस्ट एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिका रुस और चीन समेत कुल अठारह देश सदस्य के तौर पर भाग लेते हैं। वहीं 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री भारत आसियान सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Wed, 27 Oct 2021 10:13 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज 16वें ईस्ट एशिया सम्मेलन (16th East Asia Summit) में भाग लेंगे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए इन सम्मेलनों में शामिल होंगे। पीएम मोदी आज ईस्ट एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, इसमें अमेरिका (America), रुस (Russia) और चीन (China) समेत कुल अठारह देश सदस्य के तौर पर भाग लेते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी ज़िनपिंग के भी सम्मेलन में शामिल होने की पूरी संभावना है। ईस्ट एशिया सम्मेलन (ईएएस) रणनीतिक वार्ता के लिए इंडो-पैसिफिक का प्रमुख मंच है।
इसके बाद अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री भारत आसियान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसमें आशियान के सभी दस देश इंडोनेशिया, ब्रुनेई, मलयेशिया, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और म्यांमार के प्रमुखों की पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक होगी।18वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और कोविड-19 और स्वास्थ्य, व्यापार और वाणिज्य, कनेक्टिविटी, और शिक्षा और संस्कृति सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायजा लेगा। कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर भी चर्चा की जाएगी। पीएमओ ने कहा कि आसियान-भारत शिखर सम्मेलन सालाना आयोजित किए जाते हैं और भारत और आसियान को उच्चतम स्तर पर जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।
इस साल क्यों खास है ये सम्मेलन?
ये सम्मेलन हर साल होते हैं लेकिन इस बार की ख़ासियत यह है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के ख़िलाफ़ चल रही घेराबंदी के बीच पहली बार यह सम्मेलन हो रहा है। इसमें ज़्यादातर देश चीन के अलग अलग पड़ोसी देश है और साउथ चाइना सी या दूसरे इलाक़ों को लेकर इन देशों का चीन के साथ तनाव है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी पहली बार इन सम्मेलन में शरीक हो सकते हैं. QUAD और AUKUS के गठन एवं सक्रियता के बाद इन सम्मेलनों की अहमियत बढ़ गयी है।