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Chhath Puja 2022: प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दी छठ पर्व की शुभकामनाएं, कहा- आलोकित रहे हर किसी का जीवन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा सूर्यदेव और प्रकृति की उपासना को समर्पित महापर्व छठ की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।

By Versha SinghEdited By: Updated: Sun, 30 Oct 2022 08:26 AM (IST)
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पीएम मोदी ने देशवासियों को दी छठ पर्व की शुभकामनाएं
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने देश के लोगों को ट्वीट कर बधाई दी।

उन्होंने कहा, सूर्यदेव और प्रकृति की उपासना को समर्पित महापर्व छठ की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान भास्कर की आभा और छठी मइया के आशीर्वाद से हर किसी का जीवन सदैव आलोकित रहे, यही कामना है।

दो सालों बाद दिख रही लोगों की भीड़

दो सालों के बाद छठ घाटों पर आस्था का अनुपम नजारा देखने को मिलेगा। आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्यास्त का समय 05.12 बजे है। इससे दो घंटे पहले से छठ घाटों पर अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरु हो जाएगा। जलाशय में डूबकी लगाने के बाद हाथ में नारियल फल लेकर व्रती सूर्यास्त होने तक सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करेंगे। सूर्यास्त से ठीक पहले श्रद्धालु निर्मल काया और सुख-समृद्धि के लिए सूर्य देव को गाय के दूध, गंगाजल आदि से अर्घ्य देंगे। वहीं, सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सूर्याेपासना का महापर्व संपन्न हो जाएगा।

व्रतियों का 36 घंटे का उपवास आरंभ, पारण के साथ संपन्न होगा व्रत

खरना प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का कठिन व्रत आरंभ हो गया। व्रती अगले दो दिनों तक पूरे नियम निष्ठा से व्रत करेंगे। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण होगा। इस दौरान व्रती बिस्तर त्यागकर नीचे ही सोयेंगे। पूरे घर में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाएगा।

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देखने को मिलेगा आस्था का जीवंत रूप

आज दोपहर बाद सड़कों पर आस्था और भक्ति का जीवंत रूप में देखने को मिलेगा। व्रतियों के साथ महिलाएं पारंपरिक गीत गाते छठ घाट तक जाएंगी तो पुरुष व बच्चों के जिम्मे प्रसाद ले जाना होगा। कोई हाथ में केले का कांदा तो सिर पर प्रसाद की टोकरी लेकर पांव पैदल छठ घाट तक पहुंचेंगे। ऊंच-नीच, छुआ-छूत और अमीर गरीब में कोई अंतर नहीं। सूर्य देव के दरबार में सबका मान बराबर है। दोपहर बाद हर कदम छठ घाट की ओर बढ़ेगा। यही नजारा साेमवार को दूसरा अर्घ्य के समय भी होगा। देर रात से ही लोग छठ घाटों पर जुटने लगेंगे।