PM Security Breach: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को आया धमकी भरा फोन, मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने की ली जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की जांच के लिए समिति गठित किए जाने के फैसले के बाद सामने आया है कि सुप्रीम कोर्ट के 50 से ज्यादा वकीलों को अंतरराष्ट्रीय नंबर से फोन किया गया है। फोन करके पीएम की सुरक्षा में सेंध लगाने की जिम्मेदारी ली है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Mon, 10 Jan 2022 02:14 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले में तेज हो रही राजनीति के बीच प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकी देनी शुरू कर दी है। 0447418365564 नंबर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को रिकार्डेड फोन आया। इसमें पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रास्ता रोकने की जिम्मेदारी ली गई थी। साथ ही सुरक्षा चूक का मामला सुने जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धमकी भी दी गई थी। कुछ वकीलों को दो बार यह काल आई। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को लिखित शिकायत भेज कर धमकी भरे फोन आने की जानकारी दी और मामले में कार्रवाई की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के मामले में लायर्स वाइस संस्था द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के मामले की जांच कराने की मांग की गई है। सोमवार सुबह जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जाने वाला था, तभी करीब 10.40 पर पहली काल वकीलों को ब्रिटेन से रिसीव हुई। कई वकीलों को दोबारा 12.36 पर फिर काल आई। काल में प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस (एसएफजे) ने पांच जनवरी को हुसैनीवाला फ्लाइओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला रोके जाने की जिम्मेदारी ली थी। इसके अलावा काल में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला सुने जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धमकी भी दी गई थी।
एसएफजे को अमेरिका से संचालित होने वाला संगठन बताते हुए कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला नहीं सुनना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दोषियों को दंडित नहीं किया है। एओआर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल वीरेंद्र कुमार बंसल को पत्र लिखकर मामले पर तत्काल कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन का कहना है कि यह वकीलों की निजता से जुड़ा संवेदनशील मामला है। फोन पर गोपनीय डाटा और बैंक आदि की सूचनाएं होती हैं। ये उपद्रवी फोन हैक कर सूचनाओं का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ब्रिटेन से आई काल को रिसीव करने वाले एक एडवोकेट आन रिकार्ड दीपक प्रकाश ने मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से भी की है। शिकायत में कहा गया है कि बहुत से वकीलों को सुबह से धमकी भरे फोन आ रहे हैं। इस पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट आन रिकार्ड वे वकील होते हैं, जो शीर्ष अदालत में केस दाखिल करने के लिए अधिकृत हैं।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AOR) वकीलों को विदेश से आ रही हैं गुमनाम काल। कॉल में पीएम की सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदारी ली गई है। साथ ही कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 10, 2022
लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में भी SFJ का था हाथबता दें कि कुछ दिन पहले लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में भी सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ था। हमले के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। जसविंदर सिंह मुल्तानी 'सिख फॉर जस्टिस' SFJ से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है। इस संगठन को भारत सरकार प्रतिबंधित कर चुकी है। संगठन का हेडक्वार्टर अमेरिका में है। इस संगठन के कई सदस्य एनआईए के रडार पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में होगी जांचप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक ममाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत कमेटी गठित करने के लिए राजी हो गई है। साथ ही केंद्र व पंजाब सरकार को अपनी-अपनी जांच रोकने का आदेश दिया गया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। पंजाब सरकार ने भी माना है कि सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन हम यह तय कर रहे हैं कि जांच का दायरा क्या होगा।
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